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कोरोना वायरसः दुनिया की आधी छात्र आबादी की पढ़ाई पर असर

संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को की रिपोर्ट में दी गई है यह जानकारी 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

860 मिलियन से अधिक बच्चों और युवाओं, जो कि दुनिया की छात्र आबादी का लगभग आधा हिस्सा है, को कोविड-19 की महामारी के कारण स्कूलों और विश्वविद्यालयों की ओर रुख नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में उनकी पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल और विश्वविद्यालय के बड़े पैमाने पर बहुत तेजी से बंद होना शिक्षा क्षेत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है। दुनियाभर के देश इस चुनौती का सामना करने के लिए दूरस्थ शिक्षा को समाधान के रूप में देखते हुए कार्य कर रहे हैं, लेकिन कितने समय के लिए शिक्षण संस्थाओं को बंद रखना पड़ेगा, यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता, यह अनिश्चितता चुनौतियों को और जटिलता बना रही है। दूरस्थ क्षेत्रों के लिए रियल-टाइम वीडियो कक्षाएं, जैसे हाईटेक विकल्पों से लेकर रेडियो और टेलीविज़न पर एजुकेशनल प्रोग्रामिंग जैसे कम-तकनीकी विकल्प संचालित किए जाते हैं।

बड़े पैमाने पर स्कूल बंद होने पर तत्काल प्रतिक्रिया के रूप में, यूनेस्को ने COVID-19 टास्क फोर्स की स्थापना की है, जो स्कूलों से बाहर छात्रों को शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था में सरकारों को सलाह और तकनीकी सहायता की जिम्मेदारी निभा रहा है। यह संगठन अनुभवों को साझा करने और प्राथमिकता आवश्यकताओं का आकलन करने के लिए नियमित तौर पर दुनियाभर के शिक्षा मंत्रियों के साथ वर्चुअल मीटिंग करता है।

यूनेस्को ग्लोबल कोविड-19 एजुकेशन कोआलिशन को लांच कर रहा है, जो बहुपक्षीय साझेदारों और निजी क्षेत्र को एक साथ लाता है, जिसमें माइक्रोसॉफ्ट और ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशंस (GSMA)  शामिल हैं, ताकि दूरस्थ शिक्षा प्रणालियों को स्थापित करने में देशों की मदद की जा सके। इससे शिक्षा के क्षेत्र में आ रही इस चुनौती को कम किया जा सके और शिक्षार्थियों के साथ संपर्क बनाया जा सके।

devbhoomimedia

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