पहाड़ की महिलाओं के पीठ और सिर से घास ढोने का कम होगा वजन
उन महिलाओं को नया जीवन देने का काम किया है जिनकी जिंदगी मवेशियों को चारा लाने में ही ख़त्म हो जाती थी
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : पर्वतीय इलाकों की महिलाओं के सिर और पीठ से घास का बोझ हटाने को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की महत्वाकांक्षी योजना घस्यारी (घास लेन वाली महिला) कल्याण योजना को मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद अब उम्मीद की जा सकती है कि त्रिवेंद्र सरकार ने ऐसी महिलाओं के बारे में सोचकर उन महिलाओं को नया जीवन देने का काम किया है जिनकी जिंदगी मवेशियों को चारा लाने में ही ख़त्म हो जाती थी।
मुख्यमंत्री घसियारी योजना का उद्देश्य पहाड़ों में महिलाओं के पीठ और सिर से घास का बोझ कम करने के साथ ही महिलाओं की आर्थिकी को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना से पहाड़ों पर पशुपालकों को जहां रियायती दरों पर पशुचारा उपलब्ध होगा वहीं इस योजना से महिलाओं की श्रम शक्ति बचाई जा सकेगी।
गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इस महत्वपूर्व योजना सहित सात मुद्दों को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली। पहाड़ की महिलाएं इस योजना का इस्तेमाल अपनी आय बढ़ाने की अन्य गतिविधियों में लगायेंगी। वहीं सरकार द्वारा जो चारा मवेशियों को मिलेगा उससे पशुओं का दूध बढ़ेगा और उनके स्वास्थ्य में सुधार होगा। इस योजना में पशुपालकों को 50 प्रतिशत अनुदान पर पैक्ड सायलेज चारा, मिश्रित पशु आहार और हेब्लाक्स उपलब्ध कराया जाएगा। पशुपालकों को चारे की उपलब्धता सहकारी समितियां, पशुपालन विभाग के केंद्रों, डेरी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से उपलब्ध करवाये जाने की व्यवस्था की जाएगी।
त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल के अहम फैसले
मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना पर कैबिनेट की मुहर
संस्कृत शिक्षा विभाग के 57 शिक्षकों को 155 शिक्षकों में समायोजित किया गया
वन भूमि पर दी गई लीज इसके नवीनीकरण और नई लीज की मंजूरी
उत्तराखंड पुलिस दूरसंचार अधीनस्थ सेवा नियमावली 2021 कोई संशोधन नहीं 10 साल की गई
उत्तराखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन प्रोत्साहन व सुविधा अधिनियम 2020 की धारा 87 में संशोधन
कोविड-19 के उपचार हेतु डेडीकेटेड 600 बेड के अस्पताल जिसमें 50 आईसीयू बेड में सम्मिलित होने के संबंध में निर्णय लिया गया