10 हजार दुधारू पशु दिए जाएंगे, 500 आंचल मिल्क बूथ स्थापित किए जाएंगे
एक जून से 15 जुलाई 2020 तक दुग्ध संघ कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं
50 प्रतिशत अनुदान पर साइलेज (मक्के का हरा चारा) उपलब्ध कराया जा रहा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत तीन हजार दुग्ध उत्पादकों को दस हजार दुधारू पशु दिए जाएंगे और 500 आंचल मिल्क बूथ स्थापित किए जाएंगे। राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना और गंगा गाय महिला डेरी योजना के तहत दुधारू पशुओं को खरीदने पर 25 प्रतिशत अनुदान और शहरी क्षेत्रों में आंचल मिल्क बूथ स्थापित करने के लिए 20 प्रतिशत अनुदान पर ऋण दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ग्राम स्तर पर रोजगार के साधन उपलब्घ कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। पशुपालन से ग्रामीणों की आजीविका में सुधार ला सकते हैं।
इस योजना का लाभ दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों को दिया जाएगा। जो व्यक्ति वर्तमान में दुग्ध सहकारी समिति का सदस्य नहीं है, लेकिन सदस्य बनने का इच्छुक है, उन्हें भी योजना में लाभान्वित किया जाएगा।
योजना के तहत दुधारू पशु राज्य के बाहर से खरीदे जाएंगे, ताकि प्रदेश में पशुधन की वृद्धि हो। योजना का लाभ लेने के लिए एक जून से 15 जुलाई 2020 तक प्रबंधक/प्रधान प्रबंधक दुग्ध संघ कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सालभर पौष्टिक और हरे चारे की उपलब्धता के लिए साइलेज एवं पशु पोषण योजना शुरू की है। इसमें दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों को 50 प्रतिशत अनुदान पर साइलेज (मक्के का हरा चारा) उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा साइलेज के ढुलान पर होने वाले व्यय की धनराशि भी अनुदान के रूप में दे रही है।
इस योजना से प्रदेश के मैदानी तथा सुदूरवर्ती जनपदों में दुग्ध उत्पादकों को एक ही दर रुपये 3.25 प्रति किलोग्राम की दर से उनके घर पर ही साइलेज उपलब्ध कराया जा रहा है। योजना से दुग्ध सहकारी समिति के लगभग 50 हजार सदस्यों को लाभान्वित किया जाएगा।
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