एविएशन कंपनी के अनुबंध की शर्तें पूरी न करने पर सरकार ने किया करार रद्द
संचालन हेलीकाप्टर से किया जबकि लगाए जाने थे विमान
देहरादून : उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) ने अनुबंध की शर्तें पूरी न करने पर इंडिया फ्लाईसेफ एविएशन कंपनी से किया करार रद कर दिया। आरोप है कि कंपनी ने गलत जानकारी देकर सरकार को गुमराह करने का प्रयास किया।
प्रदेश में बीते वर्ष कांग्रेस सरकार ने सस्ती हवाई सेवा के लिए इंडिया फ्लाइसेफ एविएशन कंपनी के साथ करार किया था। चुनाव के दौरान यह करार विवादों के घेरे में आ गया था। भाजपा ने आरोप लगाया था कि यह सेवा महानिदेशक नागरिक उड्डयन कार्यालय की अनुमति के बिना शुरू की गई। इसमें विमान लगाए जाने थे, लेकिन इसका संचालन हेलीकाप्टर से किया गया।
यह भी कहा गया कि बुजुर्गों व बीमार लोगों के नाम पर शुरू की गई इस सेवा का लाभ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने लिया। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद इस मामले में जांच शुरू हो गई थी। यहां तक कि कंपनी ने चुनाव के बाद प्रदेश में अपनी सेवाएं सुचारू नहीं रखी। इस पर कंपनी से किए अनुबंध का अध्ययन किया गया। इसमें पाया गया कि कंपनी ने हवाई जहाज की जो जानकारी दी थी, वह गलत थी।
इसके अलावा भी इसमें तमाम विसंगतियां पाई गई। इसे देखते हुए मंगलवार को यूकाडा के सीईओ व मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने राज्य में तय हवाई सेवा के लिए इंडिया फ्लाईसेफ एविएशन लिमिटेड के साथ किए गए अनुबंध को रद करने के आदेश जारी कर दिए।
यूकाडा के सीइओ एस रामास्वामी ने बताया कि कंपनी ने अनुबंध की कई शर्तों को पूरा नहीं किया। यहां तक कि गलत जानकारी भी दी है। इस कारण यह करार रद कर दिया गया है।
इंटरस्टेट कनेक्टविटी के तहत चुनी गई योजना केा निरस्त करने पर जताई आपत्ति
वहीँ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य सरकार द्वारा लिए गये उस फैसले का कड़ा विरोध जताया है, जिसके तहत नवीन जिंदल की कम्पनी इंडिया फ्लाई के एक बड़े टेंडर को निरस्त किया गया है। इंटरस्टेट कनेक्टविटी के तहत चुनी गयी योजना को निरस्त करने की कार्यवाही पर अपनी आपत्ति व्यक्त करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि योजना की सम्पूर्ण प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ाते हुए कार्य किया गया था, लेकिन फिर भी सरकार को यह मामला गड़बड़ लगता है तो वह उसकी सीबीआई से जांच करा सकती है।
हरीश रावत ने बीजापुर गैस्ट हाउस में बुलाई गई पत्रकार वार्ता में सरकार के फैसले को लेकर कहा कि वास्तव में राज्य सरकार का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार के इस फैसले से जहां गौचर, चिन्याड़ीसौंण सहित अन्य जिलों में यात्रियों को हवाई सेवा से वंचित होना पड़ेगा तो वहीं 18 करोड़ रूपये का नुकसान भी हो जाएगा।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी पूर्ववर्ती सरकार ने राज्य में सस्ती हवाई सेवा शुरू करने के लिए इंडिया फलाई कंपनी के साथ करार किया था। जिसे निरस्त करके सरकार ने कुछ अच्छा कार्य नहीं किया है। उन्होंने राज्य सरकार से अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार ने फैसला ले भी लिया है तो उसे कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए। मीडिया से आज बीजापुर अतिथि गृह में मिलते हुए हरीश रावत ने सरकार पर आरोप लगाया कि यह सरकार कुछ अन्य क्षेत्रों में भी षडयंत्र रच रही है।
शराब पर बोलते हुए हरीश रावत ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश की यह सरकार शराब को लेकर बेलगाम व सोचे-समझे बगैर अपने कदम उठा रही है उसमें दरअसल, वह स्वंय ही फंस रही है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा का खोदा गया खुद का गडढा है। पूर्व सीएम ने कहा कि इस सरकार ने राज्य को म्युनिसिपल रोड बना दिया है। सवाल यह है कि आखिर अब इसकी देखभाल कौन करेगा? सरकार की कार्यशैली से राज्य की महिलाएं आतंकित होने की बात कहते हुए हरीश रावत ने कहा कि सरकार राज्य के हित में जो भी निर्णय लेगी उसमें वे पूर्ण सहयोग करेंगे। अच्छे कार्यों में वे कहीं पर भी बाधक नहीं बनेंगे।
खनन पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पूर्व सरकार ने खनन में 60 करोड़ से बढ़ाकर साढ़े तीन सौ करोड़ रूपये का लाभ राज्य के कोष में दिलाया, जो कि एक ऐतिहासिक उपलब्धि उनकी सरकार की रही है। हरीश ने सियासी चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा में खनन संत और महात्मा करेंगे, जबकि हमें माफिया कह कर बदनाम करते हुए खनन करने के आरोप लगाये जाते रहे। उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले में जवाब भी मांगा है। इस अवसर पर उनके साथ सुरेन्द्र कुमार, राजेन्द्र शाह भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।