नौनिहालों को दें संस्कारवान और भारतीय सभ्यता के अनुरूप शिक्षा : धस्माना
- उत्तराखंड में पहले विश्वस्तरीय क्रेच सुविधा का शुभारम्भ
- छह महीने से अधिक आयु के शिशु को मिलेगा प्रवेश
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में नौनिहालों के लिए उत्तराखंड का पहला विश्वस्तरीय क्रेच सुविधा (बच्चों के लालन-पालन) की शुरुआत की गई है। इसमें छह महीने से अधिक आयु के शिशु को प्रवेश दिया जाएगा। इस सुविधा से स्टाफकर्मियों को अपने नौनिहालों के लिए घर जैसा माहौल मिलेगा।
मंगलवार को जौलीग्रांट स्थित स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) में कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने कैंपस में निर्मित क्रेच सेंटर का उद्घाटन करते हुए क्रेच में मौजूद शिक्षकों से बच्चों को संस्कारवान शिक्षा देने की अपील की। उन्होंने कहा कि पढ़ाई-लिखाई तक ही बच्चों को सीमित न रखें। बच्चों को भारतीय संस्कृति से जुड़े पर्व त्यौहारों की एक्टिविटी बेस्ड एजुकेशन दी जाए। ताकि उनका ओवरऑल डेवलेपमेंट हो। उन्होंने शिक्षकों से बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के निर्देश दिए, लेकिन अंग्रेज न बनाने की बात भी की। उन्होंने कहा कि बच्चों को भारतीय सभ्यता के अनुरूप ही ढाले।
क्रेच डे-केयर संचालक दीपा व अंकुश भारद्वाज ने बताया कि छह महीने की आयु से अधिक के शिशु व नौनिहाल को इस क्रेच सेंटर में प्रवेश दिया जाएगा। यहां नौनिहालों को घर जैस माहौल मिलेगा और विभिन्न प्रकार की चीजें सिखाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि किसी संस्था, संगठन या सरकारी नौकरी आदि जगहों पर कार्य करने वाली महिला अपने नवजात शिशु को घर में छोड़ने में डरते हैं, इसलिए वे अपने बच्चों को यहां प्रवेश करा सकते हैं। इसके तहत दिन भर यानी वर्किंग टाइम के समय उनके शिशुओं की देखरेख घर की तरह की जाएगी और विभिन्न गतिविधियों एक्टीवियां भी सिखाई जाएंगी।
उनके अनुसार बड़े बड़े शहरों में इस तरह की सुविधाएं हैं। मौके पर विश्वविद्यालय के एडमिन हेड कर्नल (रिटायर्ड) बीएस बिष्ट, प्रिंसिपल नीपा वशिष्ठ, विनय चतुर्वेदी, आरपीएस रावत, गिरीश उनियाल, रुपेश महरोत्रा, अमरेंद्र कुमार, डॉ.रोमिल भटकोटी, प्रभजोत कौर, रितिका अग्रवाल, पूजा रावत, शशि ध्यानी, सूरज आदि मौजूद थे।