AGRICULTURE

प्रधानमंत्री ने की दस हजार किसान संगठनों की शुरुआत

किसानअब एफपीओ के माध्‍यम से करेंगे व्‍यवसाय : प्रधानमंत्री  

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

चित्रकूट। देश के किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को चित्रकूट में संपूर्ण देश के लिए दस हजार किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को स्‍थापित करने की योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि किसान जो अब तक उत्पादक थे, वह अब एफपीओ के माध्‍यम से व्‍यवसाय भी करेंगे। प्रधानमंत्री ने पीएम-किसान योजना के तहत सभी लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के वितरण के लिए परिपूर्णता अभियान भी चलाया।

इस अवसर प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने किसानों के हित से जुड़े हर क्षेत्र पर कार्य किया है। इसमें एमएसपी, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, यूरिया की 100 प्रतिशत नीम कोटिंग और दशकों से अधूरी पड़ी सिंचाई परियोजनाएं को पूर्ण करना शामिल है। एफपीओ किसानों के प्रयासों को एक दिशा में लाने में मदद करेगा ताकि वे अपनी उपज की बेहतर मूल्‍य पर बिक्री कर सकें। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने देश के 100 से ज्‍यादा आकांक्षापूर्ण जिलों में एफपीओ को प्रोत्साहन देने का फैसला किया है इनमें हर ब्लॉक में कम से कम एक एफपीओ की स्‍थापना शामिल है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चित्रकूट सहित पूरे उत्‍तर प्रदेश के लगभग दो करोड़ किसान परिवार एक वर्ष में 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक का अपना हक प्राप्‍त कर रहे हैं, जिसे बिना किसी भेदभाव और बिचौलियों के बिना सीधे उनके बैंक खातों में जमा किया जाता है। उन्होंने इसकी तुलना उस समय से की जब बुंदेलखंड के किसानों के नाम पर हजारों करोड़ के पैकेज की घोषणा की जाती थी, लेकिन किसान की जेब में कुछ भी नहीं पहुंचता था।

उन्होंने कहा कि पीएम-किसान योजना के लाभार्थियों को अब पीएम जीवन ज्योति बीमा और पीएम जीवन सुरक्षा बीमा योजना से भी जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके माध्‍यम से मुश्किल समय में किसानों को 2 लाख रुपये तक की बीमा राशि सुनिश्चित की जाएगी। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए 16 बिंदु कार्यक्रम तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने का भी प्रयास कर रही है कि किसान के खेत से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही एक ग्रामीण हाट की सुविधा उपलब्‍ध हो, जिसके माध्‍यम से उसे देश के किसी भी बाजार से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ये ग्रामीण हाट कृषि अर्थव्यवस्था के नए केंद्र बन जाएंगे।

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