UTTARAKHAND
पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब आवास का देना होगा 25 प्रतिशत अधिक किराया
31 मार्च, 2019 के बाद अब कोई भी मुख्यमंत्री सरकारी आवास आवंटन और अन्य सुविधाओं का नहीं होगा पात्र
प्रदेश सरकार ने अन्य राज्यों में अग्रिम जमानत के प्रविधान के लागू होने के बाद राज्य में भी इसे लागू करने का निर्णय
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
अग्रिम जमानत मिलने का रास्ता हुआ साफ
प्रदेश में अब अग्रिम जमानत मिलने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने इस संबंध में सोमवार को सदन में विधेयक पेश कर दिया। प्रदेश में अभी तक अग्रिम जमानत का प्रविधान लागू नहीं था। अविभाजित उत्तर प्रदेश में आपातकाल के दौरान इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। अब प्रदेश सरकार ने अन्य राज्यों में इस प्रविधान के लागू होने के बाद राज्य में भी इसे लागू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार ने सदन में दंड प्रक्रिया संहिता (उत्तराखंड संशोधन)अध्यादेश, 2019 को सदन में पेश कर दिया। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी व्यक्ति को लगता है कि उसको किसी गैर जमानतीय अपराध किए जाने के अभियोग में गिरफ्तार किया जा सकता है तो वह इस अध्यादेश की धारा 438 के अंतर्गत उच्च न्यायालय या सेशन न्यायालय में यह आवेदन कर सकता है कि ऐसी गिरफ्तारी की स्थिति में उसे जमानत पर छोड़ दिया जाए। हालांकि, न्यायालय अभियोग की प्रकृति और गंभीरता, आवेदक के पुराने आपराधिक इतिहास, न्याय से भागने की संभावना आदि पर विचार कर आवेदन को स्वीकार अथवा अस्वीकार कर सकता है। अग्रिम जमानत देने पर शर्त होगी कि पुलिस द्वारा अपेक्षा करने पर वह पूछताछ के लिए उपलब्ध रहेगा। आवेदक बिना अनुमति देश से बाहर नहीं जाएगा। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि गंभीर अपराधों के साथ ही ऐसे अपराध, जिनमें मृत्युदंड का प्रविधान है, पर अग्रिम जमानत नहीं दी जाएगी।