Uttarakhand

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना

बहुगुणा और खंडूड़ी में कोई फर्क नहीं

देहरादून । पूर्व मुख्घ्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा सरकार के नया करने के चक्कर में सब उल्टा हो जा रहा है। डबल इंजन की सरकार ने पेंशन के मामले में एक परिवार से दो लोगों की पेंशन में से एक को खत्म कर दिया। इसे वापस लिया जाना चाहिए। ग्रामीण क्षत्रों को निगमों में शामिल करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन जो गांव पहले शामिल हुए थे, उनका विकास भी नहीं हो पाया। कांग्रेस सरकार ने 300 करोड़ रुपये गांव पर खर्च किये। 

कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि निगमों के पास अभी ढांचा नहीं है। इसलिए केवल आय बढ़ाने के लिए गांव निगमों में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। कहा इसके बजाय ऐसे गांव को पीरअर्बन के रूप में विकसित किया जाए। कांग्रेस ने ये प्रयोग किया था और सफल रहा था। स्पेशल ग्रांट देकर इन गांव का विकास किया। पानी के रेट बढ़ाये गए। इससे आम लोगों को परेशानी हो रही है।

यही हालत चारधाम यात्रा में भी देखने को मिला। हररोज कोई न कोई हादसा हो रहा है। हेली सर्विस बदली गई, पंजीकरण की प्रक्रिया बदली गई। नया करने के चक्कर में सब उल्टा हो गया। इसे पटरी पर लाया जा सकता है। सरकार बनने के बाद बड़ी बड़ी बातें हुईं, डबल इंजन की सरकार ने पेंशन के मामले में एक परिवार से दो लोगों की पेंशन में से एक को खत्म कर दिया। इसे वापस लिया जाना चाहिए। सीनियर सिटीजन को मुफ्त यात्रा के मामले में भी सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए। ए

क मामले में सरकार को चेताना चाहता हूं दुग्ध बोनस के मामले में सरकार बदलाव करने की तैयारी कर रही है। अगर इसे बंद किया गया तो गलत होगा। इससे उत्पादन बढ़ है। जल दिवस पर एक बोतल में रेत भरकर सिस्टर्न में डालने तक सिमट गया। उम्मीद थी कि वाटर बोनस को सरकार जारी करेगी। उत्तराखंड जल शक्ति बन सकता है, लेकिन हम जल संकट से जूझ रहे है। इस मामले में सरकार की और से कोई स्घ्पष्घ्ट दिशा निर्देश नजर नहीं आ रहे। हरेला का समय आ रहा है। सरकार इसे जरी रखेगी या नहीं। कांग्रेस सरकार के एक साल का मूल्यांकन करेगी, इसलिए अभी आलोचना नही कर रहे।

एनएच 74 के मामले में एसआईटी बनाई थी। नई सरकार ने सीबीआई को जांच देने की संस्तुति की, लेकिन अब दिख रहा है कि हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों का बाहर रखा जा रहा है तो फिर जांच किस बात की कर रहे हैं। इस मामले में केंद्र केवल उधमसिंह नगर नहीं है, दिल्ली भी है। इस मामले में एनएच अधिकारयों को क्लीन चिट नहीं दी जा सकती। ताली एक हाथ से नहीं बजती। हेलो जीरो टॉलरेंस सीरीज शुरू करूँगा। इसमें जमीनों से जुड़े मामलों को उठाया जाएगा। इसमें आम बाग समेत तामाम मामले शामिल किए जाएंगे। लोकायुक्त को लेकर जो समिति बनी है, उसे जल्द काम करना चाहिए। बहुगुणा और खंडूड़ी में कोई फर्क नहीं रहेगा। लोकायुक्त के सभी प्रावधान सब पर समान रूप से लागू होने चाहिए।

गैरसैंण को लेकर उन्घ्होंने कहा ये विधानसभा का अपमान है, जो बजट सत्र वहां आयोजित नहीं किया गया। ये गैरसैण का भी अपमान है। सरकार कह रही है वहा सुविधा नही है, जबकि वहां सत्र किया जा चुका है। सब कुछ है वहां। पूर्व सीएम रावत ने कहा 8 जून को विधानसभा के बाहर 10 से 11 बजे तक धरना देंगे। विरोध में सीधे सीधे बोले कि हमे नहीं करना तो ठीक है, लेकिन बहाने ठीक नही है। भाजपा के घोषणा पत्र में कहा था कि 15 दिन में गन्ना भुगतान करेंगे, लेकिन अब गन्ने की दूसरी फसल आने को है और अभी तक भुगतान नहीं हुआ। 350 करोड़ से ज्यादा बकाया है। सरकारी मिलो पर ही 100 करोड़ से ज्यादा बकाया है। किसान विरोधी रवैया सरकार का झलक रहा है। कांग्रेस इसके विरोध में आगे आएगी।

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