UTTARAKHAND
मातृभाषा के संरक्षण-संवर्धन के लिए सभी को समर्पित भाव से आना होगा आगे : डॉ. निशंक

जब हम अपनी मातृभाषा को जिंदा रखेंगे तो हमारे संस्कार, आचार-विचार भी भाषा के साथ-साथ जीवित रहेंगे : निशंक
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : विश्व मातृभाषा दिवस पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को अपनी मातृभाषा गढ़वाली में सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि ”‘मातृभाषा के संरक्षण-संवर्धन के लिए सभी को समर्पित भाव से आगे आना होगा। मातृभाषा में हमारी भावनाएं और संस्कार समाहित हैं। जब हम इसे जिंदा रखेंगे तो हमारे संस्कार, आचार-विचार भी भाषा के साथ-साथ जीवित रहेंगे।’
अपनी मातृ भाषा गढ़वाली में डॉ. निशंक ने ये कुछ कहा
”मातृभाषा दिवस की सभी भै बैणों थे ढेर सारी शुभकामना दीण चाणू छौं । हमर बचपन बिटे ज्व भाषा हमर मन मस्तिष्क म गहरी छाप छूड़द अर हमर अचेतन स्तर पर भी सक्रिय रैंद वह हमारि मातृभाषा च । हमर सर्वांगीण विकास क मुख्य आधार हमारि मातृभाषा रैन्दी च । मातृभाषा म हमर अभिव्यक्ति न केवल हमर भितर आत्मविश्वास जगान्दि बल्कि हमारि सृजनात्मकता थे भी कई गुण बड़ांदी च । हम सब थे अपुड़ बच्चों थे अपणी मातृभाषा सिखाण चयेणी ताकि हम सुनहरे भविष्य क निर्माण केर सकों । जब भी हम अपड़ी बोली भाषा उपयोग मा लांद छौ तब तब मन मा अपनत्व भावना जगदि च । ये वास्ता अधिक से अधिक मातृभाषा का प्रयोग कन चहेणु।”