केदारनाथ धाम में साधना और ध्यान के लिए बनी पहली गुफा

- गरुड़चट्टी में प्राचीन हनुमान गुफा के बाद धाम में बनाई गयी गुफा
- प्रधानमंत्री की सोच के मुताबिक गुफा में जुटाई गयी हैं सुविधाएँ
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
GUPTKASHI : केदारनाथ पुनर्निर्माण योजना के तहत धाम में ध्यान व साधना के लिए पहली गुफा बनकर तैयार हो गई है। यह गुफा पांच मीटर लंबी और तीन मीटर चौड़ी है जिसका निर्माण नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM)ने किया है। गुफा में साधक के लिए सभी मूलभूत आवश्यकताओं को जुटाया गया है। निर्माण के बाद अब इसके संचालन की जिम्मेदारी गढ़वाल मंडल विकास निगम को सौंपी गई है।
उल्लेखनीय है कि केदारनाथ धाम में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोच को ध्यान में रखते हुए मंदिर से करीब 400 मीटर पीछे मंदाकिनी नदी को पार कर चोराबाड़ी ताल के ठीक नीचे वाले क्षेत्र में एक साधना गुफा का निर्माण किया गया है। लगभग साढ़े आठ लाख रुपये की लागत से पहाड़ी शैली में तैयार इस गुफा में बिजली, पानी, शौचालय आदि सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के मुताबिक इस गुफा में यदि कोई साधु, संत या अन्य यात्री साधना अथवा ध्यान के लिए यहां ठहरता है तो उसकी सुविधाओं को देखते हुए यहाँ लिए बिस्तर भी लगाया गया है। संचार सुविधा के लिए टेलीफोन भी रखा गया है। जिस स्थान पर इस गुफा का निर्माण किया गया है वहां से केदारनाथ धाम सहित सम्पूर्ण केदारपुरी के दर्शन होते हैं।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि गुफा के दर्शन या ठहरने के लिए यात्रियों का अलग से पंजीकरण होगा। अगर जरूरी हुआ तो इसके लिए शुल्क का निर्धारण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष 20 अक्तूबर को पांच योजनाओं के शिलान्यास के दौरान योग, साधना व आध्यात्म के लिए केदारपुरी में गुफाओं के निर्माण की बात कही थी।
उनके अनुसार पीएमओ कार्यालय से भी समय-समय पर कार्यों की समीक्षा के दौरान उत्तराखंड शासन को केदारपुरी में गुफाएं विकसित करने को कहा गया था। मुख्य सचिव उत्पल कुमार द्वारा जिला प्रशासन के साथ इस वर्ष फरवरी माह में गुफा निर्माण के लिए स्थान का चयन किया गया था।
गौरतलब हो कि यात्रा शुरू होने से मुख्यसचिव उत्त्पल कुमार सिंह ने गुफा के विकसित नहीं होने पर अधिकारियों को फटकार लगाई थी। ज्ञांत हो कि केदारपुरी में मंदाकिनी नदी के दूसरे छोर पर स्थित गरुड़चट्टी में भी प्राचीन हनुमान गुफा है। लेकिन वर्तमान में उस तरफ से आवाजाही न होने के कारण इन गुफाओं में वे संत ही वहां योग साधना करते हैं जो केदारनाथ धाम से मन्दाकिनी नदी पार कर वहां पहुँच पाते हैं।