UTTARAKHAND

त्रिवेंद्र सरकार ने तोड़ दिया उत्तराखंड के अस्पतालों में चिकित्सा संसाधनों में वृद्धि का रिकार्ड

राज्य के अस्पतालों में खाली पड़े पदों पर 2500 से ज्यादा डॉक्टरों को तैनात किया जा चुका है

वर्तमान में राज्य में चार मेडिकल कालेजों में वर्तमान में 140 आईसीयू, 75 वेंटिलेटर तथा आठ बाइपेप उपलब्ध हैं

 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की सरकार ने तीन साल में चिकित्सा संसाधनों में उल्लेखनीय वृद्धि की है। कोविड-19 संक्रमण की आपात स्थिति में आवश्यकता पड़ने पर इन संसाधनों को इस्तेमाल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री रावत ने राज्य के अस्पतालों, राजकीय मेडिकल कालेजों में आईसीयू, वेंटिलेटर और बाइपेप के 2017 से पहले और वर्तमान के आंकड़ों की जानकारी उपलब्ध कराई है। वहीं राज्य के अस्पतालों में खाली पड़े पदों पर 2500 से ज्यादा डॉक्टरों को तैनात किया जा चुका है।  
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की इच्छाशक्ति का ही परिणाम है कि उत्तराखंड राज्य में स्वास्थ्य और चिकित्सा संसाधनों में लगातार वृद्धि हो रही है। वहीं चिकित्सकों और हेल्थ स्टाफ की कमी को भी दूर किया जा रहा है। 
राज्य के अस्पतालों व मेडिकल कालेजों में कोविड-19 के समय में वेंटीलेटर, आईसीयू, बाइपेप अति आवश्यक चिकित्सा संसाधनों में शामिल हैं। मुख्यमंत्री रावत ने बताया कि सभी 13 जिलों के राजकीय अस्पतालों में आईसीयू, वेंटिलेटर और बाइपेप की सुविधा उपलब्ध हैं।
2017 से पूर्व जहां सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों में 23 आईसीयू, सात वेंटिलेटर और एक बाइपेप की सुविधा उपलब्ध थी, वहीं वर्तमान में इनमें रिकार्ड संख्या में वृद्धि की गई है। राज्य के अस्पतालों में 116 आईसीयू, 50 वेंटिलेटर तथा 25 बाइपेप हैं। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि राज्य में तीन साल के भीतर 93 आईसीयू, 43 वेंटिलेटर तथा 24 बाइपेप की सुविधा बढ़ाई गई।
त्रिवेंद्र रावत सरकार ने राजकीय मेडिकल कालेजों में चिकित्सा संसाधनों पर ध्यान दिया और वर्तमान में राज्य में चार मेडिकल कालेजों में वर्तमान में 140 आईसीयू, 75 वेंटिलेटर तथा आठ बाइपेप उपलब्ध हैं। जबकि 2017 से पहले इनकी संख्या में इन मेडिकल कालेजों में मात्र 62 आईसीयू, 37 वेंटिलेटर तथा चार बाइपेप थी। साफ है कि तीन साल में मेडिकल कालेजों में इन संसाधनों की संख्या पहले से दोगुनी कर दी गई है।
उत्तराखंड के राजकीय अस्पतालों और मेडिकल कालेजों में वर्ष 2007 से पहले 85 आईसीयू, 44 वेंटिलेचर तथा 05 बाइपेप की सुविधा थी, जो अब मात्र तीन साल में लगभग तीन गुना 256 आईसीयू,लगभग तीन गुना 125 वेंटिलेटर और लगभग छह गुना 33 बाइवेप हो गए हैं।

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