जमीन में दबी हैं सैकड़ों जिंदा मिसाइलों को डिफ्यूज करने बुलानी पड़ी NSG
- डिफ्यूज के लिए जुटाया गया सामान
उधमसिंहनगर : 21 दिसंबर 2004 में काशीपुर की चीनी मिल के पास स्थित एसजी स्टील फैक्ट्री में आये स्क्रैप को काटने के दौरान इसमें मौजूद एक मिसाइल फट गई। जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई थी। बाद में हुई जांच में यहां से 67 बड़ी और 488 छोटी मिसाइलें मिली थीं। उस दौरान इन 555 मिसाइलों को वहीँ जमीन में दफनाया दिया गया था और यह बताया गया था कि स्टील फैक्ट्री में विदेशों से स्क्रैप आता था। यह मिसाइलें सक्रिय थी या निष्क्रिय इसके बारे में आज तक कोई स्पष्ट जवाब पुलिस ने नहीं दिया ।
उत्तराखंड में जसपुर की पतरापुर चौकी के पास 13 साल से दफन 555 मिसाइलों को निष्क्रिय करने की प्रक्रिया अब जाकर शुरू हो गई है। ऊधमसिंह नगर जिले के एसएसपी के अनुरोध के बाद पुलिस मुख्यालय से इन्हें निष्क्रिय करने संबंधी साजो-सामान की खरीद को बजट जारी कर दिया गया है। कुछ सामान खरीद लिया गया। मिसाइलों को निष्क्रिय करने के लिए नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) की टीम को बुलाया जा रहा है। एसएसपी ऊधमसिंह नगर डॉ. सदानंद दाते का कहना है कि सुरक्षा की दृष्टि से मिसाइलों को डिस्पोजल करने के लिए बजट स्वीकृत हो गया है। कुछ सामान मिल चुका है। एनएसजी से संपर्क कर मिसाइलों को डिस्पोजल करने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
प्र्राप्त जानकारी के अनुसार इन मिसाइलों को डिस्पोजल करने के लिए 7 जनवरी 2005 में एनएसजी की टीम आयी थी। तब इन्हें निष्क्रिय करने का पूरा सामान नहीं होने से यह काम रुक गया था। बाद में इन मिसाइलों को जसपुर की पतरामपुर चौकी के पास निर्जन स्थान में जमीन में दबा दिया गया था। तब से समय समय पर इन मिसाइलों को डिस्पोजल करने की मांग होती रही। मामला एसएसपी डॉ. सदानंद दाते के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने पतरामपुर चौकी के पास दफन की गई मिसाइलों को डिस्पोजल करने संबंधी साजो-सामान खरीदने के लिए 4 दिसंबर 2017 को पुलिस मुख्यालय से पत्राचार किया। इसके बाद अब बजट स्वीकृत हुआ।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इग्नाईटर सैफ्टी फ्यूज इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रिक डेटोनेटर नंबर 33, कार्ड डेटोनेटिंग (कोडैक्स) और टीएनटी स्लैब (सीई) का इंतजाम केन्द्रीय शस्त्र भंडार 31 वीं वाहिनी पीएसी रुद्रपुर से किया गया है। पीईके 4 किलो एटीएस हरिद्वार से मांगा गया है। वहीं सेफ्टी फ्यूज नंबर 11 को 31वीं वाहिनी पीएसी/ 46 वीं वाहिनी एटीएस हरिद्वार/आईआरबी प्रथम ने उपलब्ध कराया है।