Uttarakhand

एसआईटी को सहयोग नहीं करने वाले शिक्षा अधिकारी पर गिरी गाज़

  • 23 लाख गरीब बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड नहीं होने दिया जायेगा
  • हरिद्वार के सीईओ को सस्पेंड करने के शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश 

देहरादून : सूबे में फर्जी शिक्षकों की जांच में एसआईटी को सहयोग नहीं करने वाले शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडेय ने कड़े तेवर दिखाए हैं। उन्होंने ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी क्रम में  शिक्षा मंत्री हरिद्वार जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी को सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं। वहीँ एसआईटी प्रभारी श्वेता चौबे ने कहा कि हरिद्वार के अधिकारी शिक्षकों के प्रमाणपत्र देने में देरी कर रहे हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए मंत्री ने सीईओ को सस्पेंड करने के निर्देश मंत्री ने दिए हैं ।

आखिरकार फर्जी शिक्षकों की जांच में एसआईटी का सहयोग न करने की शिकायत पर हरिद्वार के सीईओ डॉ. आरडी शर्मा पर गाज गिर गई। सूबे के  शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षा सचिव को सीईओ को सस्पेंड करने के निर्देश दे दिए। वहीँ दूसरी तरफ, स्कूलों के औचक मुआयने के लिए शिक्षा मंत्री सात दिन के विशेष अभियान भी जल्द शुरू करने की घोषणा भी की है । शनिवार को उन्होंने विधानसभा में शिक्षा विभाग और एसआईटी अधिकारियों के साथ बैठक में फर्जी शिक्षकों की जांच की समीक्षा की।

प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने जारी एक बयान में कहा कि प्रदेश के विद्यालयों में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों को बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पानेे वाले शिक्षकों के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता में एफआईआर दर्ज करायी जायेगी। पाण्डेय ने कहा कि प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले 23 लाख गरीब बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड नहीं होने दिया जायेगा। शिक्षा के क्षेत्र में बेईमानी नहीं चलने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि मैं शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कटिबद्ध हूँ । शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के सभी 13 जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे फर्जी प्रमाण पत्रों की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम(एसआईटी) को पूरा सहयोग प्रदान करें अन्यथा जाचं में सहयोग प्रदान न करने वाले शिक्षा अधिकारियों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।

उन्होंने कहा कि फर्जी प्रमाण पत्रों की जांच हेतु गठित एसआईटी को सहयोग प्रदान न करने पर शिक्षा मंत्री ने हरिद्वार के मुख्य शिक्षा अधिकारी आरडी शर्मा को सस्पेण्ड करने के निर्देश सचिव विद्यालयी शिक्षा को दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि जिस कार्मिक की ड्यटी शिक्षकों व कार्मिकों की सेवा पंजिका, प्रमाण पत्र आदि को सुरक्षित रखने की है यदि उसके द्वारा प्रमाण पत्र जांच हेतु उपलब्ध नहीं कराये जाते हैं, तो उसके वि़रुद्ध भी एफआईआर दर्ज करवायी जाय।
वहीँ उन्होंने एनसीईआरटी की पुस्तकों के मुद्रण कार्य की समीक्षा करते हुए महानिदेशक शिक्षा को निर्देश दिये कि एनसीईआरटी की पुस्तकों की छपाई के लिए तत्काल निविदा आमंत्रित की जाय। उन्होंने कहा कि आगामी जनवरी माह से पूर्व ही एनसीईआरटी की किताबें बाजार में आ जानी चाहिएं। श्री पाण्डेय ने बैठक के दौरान प्रदेश में संस्कृत शिक्षक, योग शिक्षक एवं बंगाली भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति हेतु कैबिनेट में प्रस्ताव लाये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को प्रदेश के सभी ब्लाॅकों में विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था विशेषकर शिक्षकों की कार्य प्रणाली के निरीक्षण हेतु रोस्टर तैयार कर निरीक्षण करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रदेश के विद्यालयों विशेषकर महिला विद्यालयों एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में धूम्रपान व अन्य नशीले पदार्थों का सेवन कडाई के साथ वर्जित होना चाहिए। पाण्डेय ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे महानुभावों को पुरस्कृत किया जाय जो सरकारी विद्यालयों को फर्नीचर व अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करा रहे हैं। श्री पाण्डये ने तहसील रुडकी के ज्वाईंट मजिस्ट्रेट मयूर दीक्षित को 20 सरकारी विद्यालयों के लिए फर्नीचर उपलब्ध कराने पर आभार व्यक्त किया।
बैठक में विद्यालयी शिक्षा सचिव चन्द्रशेखर भट्ट, शिक्षा महानिदेशक कै. आलोक शेखर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर.के. कुँवर, एसपी सीबीसीआईडी श्वेता चौबे, अपर निदेशक एससीईआरटी आर.एल.आर्य सहित शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

devbhoomimedia

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