Uttarakhand
पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी जी के कारण राजनीति में आयाः निशंक

नई दिल्ली । सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति के सभापति, सांसद हरिद्वार एवं पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड डाॅ. रमेश पोखरियाल ’निशंक’ ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनके दिल्ली स्थित 6ए, कृष्णामेनन मार्ग पर अपनी स्वरचित पुस्तक भारत रत्न “युगपुरूष अटल बिहारी वाजपेयी“ और विश्व धरोहर गंगा समर्पित की। अटल बिहारी वाजपेयी को उनके दिल्ली आवास पर समर्पित की।
अपनी पुस्तक को श्री वाजपेयी जी के चरणों में समर्पित करते हुए डा0 निशंक ने कहा कि स्वतंत्र भारत के विकास में अटल जी के अतुलनीय योगदान को पूरा विश्व याद करता है और इसीलिए वे सही मायने में युगपुरूष हैं। पुस्तक के विषय में पूछे जाने पर डाॅ0 निशंक ने बताया कि वाजपेयी जी पर पुस्तक लिखने का विचार कई वर्ष पूर्व तब आया जब अटल जी ने अपने अंतिम सार्वजनिक कार्यक्रम में निशंक जी की पुस्तक का विमोचन किया था। ज्ञातव्य है कि डाॅ0 निशंक ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी पर ग्रंथ की रचना की जिसका उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू जी ने विगत नवम्बर माह में अपने दिल्ली स्थित आवास पर लोकार्पण किया। डाॅ0 निशंक ने अटल बिहारी वाजपेयी जी के साथ अपनी पुरानी यादों को साझा करते हुए बताया कि उन्हें राजनीति में लाने वाले श्री वाजपेयी ही थे। अटल जी से उनका नाता दशकों से अधिक का रहा और समय के साथ-साथ यह रिश्ता मजबूत होता चला गया। डाॅ0 निशंक के राजनीतिक शुरूआत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि उनकी राजनैतिक यात्रा में अटल बिहारी वाजपेयी जी की मार्गदर्शक के रूप में अहम भूमिका रही। वे अटल जी की प्रेरणा से ही कर्णप्रयाग विधान सभा का चुनाव लड़ा।
डाॅ0 निशंक ने कहा कि अटल जी ने लाखों करोड़ों लोगों को एक नई प्रेरणा दी है। डाॅ0 निशंक ने भारत रत्न श्री वाजपेयी जी द्वारा भारत के सामाजिक आर्थिक प्रगति के साथ साथ सांस्कृतिक उत्थान के लिए अभूतपूर्व कार्य को याद किया। अटल जी के द्वारा पूरे विश्व में शक्तिशाली भारत की नई प्रतिष्ठा को स्थापित किया गया। डाॅ0 निशंक ने आगे बताया कि अत्यन्त विषम परिस्थितियों में भी अटल जी द्वारा विश्व पटल पर भारत को एक नई शक्ति के रूप में स्थापित किया ।
स्मरण हो कि अटल जी का अंतिम सार्वजनिक कार्यक्रम “खड़े हुए प्रश्न“ का लोकार्पण था। “खड़े हुए प्रश्न“ के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने डाॅ0 निशंक की कार्यशैली का उल्लेख करते हुए सामाजिक राजनैतिक और साहित्यिक जीवन में उनके उल्लेखनीय योगदान की सराहना की। वाजपेयी जी ने कहा कि डा0 निशंक सरस्वती पुत्र हैं और उनकी देशभक्तिपूर्ण रचनाएं समाज के लिए अत्यन्त प्रेरणाप्रद हैं। वाजपेयी जी ने कहा कि जीवन में प्रश्न खड़े ही रहने चाहिए। डाॅ0 निशंक ने कहा कि देश के प्रति निस्वार्थ रूप से समर्पित राष्ट्रीय नेता, प्रखर राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता, सशक्त वक्ता, साहित्यकार पत्रकार के रूप में अटल जी ने भारतीय राजनीति में अपना विशिष्ट स्थान बनाया। समूचे विश्व के प्रति अपनी उदारवादी सोच और लोकतांत्रिक आदर्शो के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें शीर्ष वैश्विक नेता के रूप में स्थापित किया।
डाॅ0 निशंक ने वाजपेयी जी के हिन्दी प्रेम की भूरि-भूरि सराहना करते हुए उन्हें सही मायनों में भारत माॅं का सच्चा सपूत बताया जिन्होंने विभिन्न पदों पर रहते हुए देश की घरेलू नीतियों और विदेश नीति को एक आकार देने के साथ साथ एक नई दिशा देने में अपनी सक्रिय भूमिका निभायी। डा0 निशंक ने कहा कि अटल जी का नौ बार लोक सभा और दो बार राज्य सभा के लिए चुना जाना एक कीर्तिमान है और उनकी लोगों के प्रति अभूतपूर्व लोकप्रियता का द्योतक है। डाॅ0 निशंक ने देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल को साहित्य, राजनीति का अद्भुत संगम बताया जिसने देश के लिए अपना सर्वस्व अर्पित किया।