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‘ड्रग डिस्कवरी हैकाथन’ कोरोना वायरस की दवा बनाने के लिए शुरू हुआ प्रोजेक्‍ट

दुनिया भर में पेशेवरों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और छात्रों को भागीदारी के लिए खुला होगा ड्रग डिस्कवरी हैकथॉन : डॉ. निशंक 

देश में कम्प्यूटेशनल दवा की खोज की संस्कृति को स्थापित करने की आवश्यकता : डॉ. हर्षवर्धन 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
नई दिल्ली। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन और मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कोरोना की दवा विकसित करने के लिए गुरुवार को ‘ड्रग डिस्कवरी हैकाथन’ प्रोजेक्ट शुरू किया। केंद्रीय मंत्रियों ने छात्रों और शोधकर्ताओं को इसमें भाग लेने का न्योता दिया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) ने संयुक्त रूप से यह पहल की है। सीएसआइआर ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं।
हर्षवर्धन के कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के साथ ‘ड्रग डिस्कवरी हैकाथन’ का शुभारंभ किया। प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।
इस मौके पर एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि ड्रग डिस्कवरी हैकथॉन दवा की खोज प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए अपनी तरह की पहली राष्ट्रीय पहल है। उन्होंने कहा कि हैकाथॉन अंतरराष्ट्रीय प्रतिभा को आकर्षित करने के लिए दुनिया भर में पेशेवरों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और छात्रों को भागीदारी के लिए खुला होगा।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने देश में कम्प्यूटेशनल दवा की खोज की संस्कृति को स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस पहल में एचआरडी इनोवेशन सेल और एआईसीटीई हैकथॉन के माध्यम से संभावित दवा के अणुओं की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जबकि सीएसआईआर इन पहचाने गए अणुओं को संश्लेषण और प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए आगे ले जाएगा। उन्होंने कहा कि इस हैकाथॉन का उद्देश्य इसके माध्यम से इन सिलिको दवा की खोज के द्वारा सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ रासायनिक संश्लेषण और जैविक परीक्षण का पालन करना करते हुए दवा के प्रत्‍याशियों की पहचान करना है।

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