UTTARAKHAND

डॉ. हरक सिंह रावत जी की मेहनत रंग लाई लालढंग चिल्लरखाल मोटर मार्ग का जीओ हुआ जारी

कालागढ टाईगर रिजर्व के अन्तर्गत बनने वाले टाईगर बाडे का निर्माण को भी मिली रफ़्तार 

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देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : आखिरकार उत्तराखंड के माननीय वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत जी की मेहनत रंग लाई और लालढंग चिल्लरखाल मोटर मार्ग का जीओ जारी हो गया। गढवाल की लाईफ लाईन कही जानी वाली लालढाग चिल्लरखाल कोटद्वार मोटर मार्ग जो माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक दी गयी थी। 

गौरतलब हो कि गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों को राज्य के भीतर ही सीधे आपस में जोड़ने वाली कंडी रोड (रामनगर-कालागढ़-चिलरखाल-लालढांग वन मार्ग) के चिलरखाल (कोटद्वार)-लालढांग (हरिद्वार) हिस्से के निर्माण के लिए डॉ. हरक सिंह रावत की कवायद आखिरकार अब रंग लाई है।  राजाजी टाइगर रिजर्व से लगे इस क्षेत्र में सड़क के निर्माण और पुलों की ऊंचाई पांच मीटर रखे जाने के मद्देनजर अब राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की स्वीकृति के बाद और राज्य वन्यजीव बोर्ड ने हाल में ही इस प्रस्ताव पर सहमति के बाद यह सफलता हाथ लगी है ।
राज्य सरकार की प्राथमिकता में शुमार रही कंडी रोड के निर्माण के मद्देनजर पूर्व में इसके गैर विवादित रहे लालढ़ांग- चिलरखाल हिस्से को बनाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए लोनिवि को कार्यदायी संस्था नामित करने के साथ ही उसे गैर वानिकी कार्यों के लिए छह हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरित की गई। लोनिवि ने सड़क का डामरीकरण कराने के साथ ही कुछ पुलों का निर्माण भी शुरू कराया।लेकिन अधिकारियों द्वारा इस सड़क के निर्माण में टांग फंसाने के बाद विवाद हो गया था जिन्हे सब डॉ हरक सिंह रावत और मौजूदा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की आपसी सहमति के बाद सुलझा लिया गया है। 

वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में पाखरौं में निर्माणाधीन टाईगर बाडे को भी वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हो गयी। यह टाईगर बाडा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखण्ड को एक नई पहचान दिलायेगा। डा हरक सिंह रावत जी द्वारा इस टाईगर बाडे के निर्माण को लेकर विशेष जोर दिया जा रहा। माननीय मंत्री जी का माने तो इस टाईगर बाडे के निर्माण से कोटद्वार ही नही बल्कि सम्पूर्ण उत्तराखण्ड के युवाओं को रोजगार, पर्यटन से जोडा जा सकेगा।

 

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