जिला सहकारी बैंक के गार्ड ने कैशियर और चपरासी को गोली मारकर मौत के घाट उतारा

चंपावत : जिले के लोहाघाट के खेतीहान में जिला सहकारी बैंक में तैनान गार्ड ने चपरासी राजेंद्र वर्मा, तल्ली हाट चंपावत और कैशियर ललित सिंह बिष्ट, चोमैल को गोली मारी दी। जिससे दोनों की मौत हो गई। पिथौरागढ जिला सहकारी बैंक शाखा में तैनात गार्ड ने बैंक के कैशियर और चपरासी की गोली मारकर हत्या कर दी है। घटना के बाद से गार्ड मौके से फरार हो गया। घटना के बाद से ही बैंक परिसर और क्षेत्र में दहशत का माहौल है। घटना की सूचना मिलते ही एसपी समेत पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई है। घटना के बाद से ही बैंक परिसर में लोगों की भीड़ जुटी हुई है।
पुलिस के मुताबिक खेतीखान में जिला सहकारी बैंक की शाखा में तैनात गार्ड तल्ला मनार निवासी दिनेश बोरा पुत्र गुड्डू ने कैशियर चोमेल बल्सो निवासी ललित बिष्ट (35) पुत्र प्रहलाद सिंह व चपरासी राजेश वर्मा पुत्र इंद्र लाल वर्मा निवासी तल्लीहाट को गोली मार कर हत्या कर दी। घटना के बाद गार्ड मौके से फरार हो गया है। घटना के बाद कैशियर का शव बैंक के अंदर और कर्मचारी का शव बैंक से 100 मीटर दूरी पर पड़ा हुआ था।
घटना से खेतीखान क्षेत्र में दहशत का माहौल है। घटनास्थल पर लोगों की भीड़ लगी हुई है। पुलिस ने शव को पीएम के लिए भेज दिया है। घटना में मारे गए लोगों के परिजनों ने गार्ड की जल्द गिरफ्तारी की मांग कर रही है। मौके पर एसडीएम पाटी निर्मला बिष्ट व विधायक पूरन फर्त्याल, एसपी धीरेन्द्र गुंज्याल पहुंच गए हैं।
शुक्रवार को खेतीखान के सहकारी बैंक में कैशियर ललित सिंह बिष्ट और अनुसेवक राजेन्द्र लाल वर्मा की गोली मारकर की गई हत्या के बाद हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन पुलिस गोली कांड के असल कारण को समझाने में अब भी नाकाम नजर आ रही है। जिससे लोहाघाट, चम्पावत और खेतीखान क्षेत्र के लोगों में एक साथ दो लोगों की हत्या के कारणों पर संशय बना हुआ है।
डबल मर्डर की गुत्थी को लेकर लोगों में अब भी संशय
शुक्रवार को बैंक खुलने के महज 10 मिनट के बाद बैंक के गार्ड दिनेश बोहरा निवासी मानर खेतीखान ने पहले कैशियर ललित सिंह बिष्ट की कनपटी पर बंदूक से गोली चला दी। उसके बाद सीधे वह करीब 100 मीटर दूर चाय की दुकान के पास बैठे अनुसेवक राजेन्द्र लाल वर्मा के पास गया और उसे भी गोली मारकर बंदूक लहराते हुए फरार हो गया। लोगों ने बताया कि इसी बीच हत्यारे ने दो बार वाहनों से लिफ्ट मांगी। जिसके बाद वह अपने गांव मानर की ओर चला गया।
जनता के भारी दबाव के कारण पुलिस और राजस्व की टीम ने घटना के दो घंटे बाद हत्यारे को उसी के गांव मानर से गिरफ्तार कर लिया। जनता के बवाल से बचने के लिए हत्यारे को पुलिस ने गुप्त स्थान पर कड़ी निगरानी में रख दिया। पूरे खेतीखान क्षेत्र के लोगों में यही सवाल था कि आखिर गार्ड ने बैंक कर्मियों पर गोली क्यों चलाई। पुलिस से पूछने पर वह भी घटना के कारणों को बताने से बच रही है। फिलहाल हत्या के कारणों की गुत्थी हत्यारोपी हिरासत में होने के बावजूद पुलिस अबतक नहीं सुलझा पाई है।