जनता में छाई है मायूसी, मंत्रीमंडल में विचार करने की मांग
रुद्रप्रयाग । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत की टीम में रुद्रप्रयाग व चमोली जनपद से किसी भी विधायक को जगह न मिलने से जनता में आक्रोश पनप गया है। आपदा ग्रसित दोनों जिलों की अनदेखी किये जाने से हरेक व्यक्ति के जेहन में सवाल खड़े हो गये हैं। ऐसे में स्थानीय जनता ने मंत्रीमंडल में विचार करने की मांग की है।
शनिवार को परेड ग्राउंड देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नौवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। साथ ही मंत्रीमंडल में भी अपनी टीम गठित की, मगर इस टीम में रुद्रप्रयाग व चमोली जनपद से किसी भी विधायक को जगह नहीं दी। जिससे दोनों जिलों की जनता में आक्रोश पनप गया है। आपदा से जूझ रहे दोनों जिलों में समस्याओं का अम्बार लगा है। ऐसे में यहां से मंत्री बनाये जाने से विकास की किरण जनता में बनी थी, जो टूट चुकी है। रुद्रप्रयाग विधानसभा से भाजपा से पन्द्रह हजार मतों से विजयी रहे भरत सिंह चौधरी को मंत्री मंडल में लिये जाने की अफवाहों से जनता में खुशी की लहर थी, साथ ही यह भी माना जा रहा था कि मंत्रीमंडल में श्री चौधरी को जगह मिलने का फायदा चमोली जनपद को भी मिलेगा। मगर श्री चौधरी को मंत्री मंडल में जगह नहीं मिली है। इसके अलावा चमोली जनपद से थराली, कर्णप्रयाग व बद्रीनाथ सीट पर भाजपा ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की है। यहां से भी किसी भी विधायक को मंत्रीमंडल में जगह नहीं दी गई है, जबकि यह तय माना जा रहा था कि बद्रीनाथ विधायक महेन्द्र भट्ट को मंत्रीमंडल में लिया जा सकता है, क्यों कि श्री भट्ट दूसरी बार विधायक बने हैं और उन्होंने दो बार विधायक रहे राजेन्द्र भंडारी को भारी बहुमत से परास्त किया।
इस सबके बावजूद भी श्री भट्ट को मंत्री मंडल में जगह ना दिये जाने से जनता में आक्रोश बना हुआ है। आपदा की दृष्टि से दोनों ही जनपद अति संवेदनशील हैं। रुद्रप्रयाग जनपद वर्ष 2012 से आपदा का शिकार होता आ रहा है। वर्ष 2012 में ऊखीमठ में आई आपदा से सैकड़ों भवन जहां तबाह हो गये, वहीं साठ से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई। इसके बाद जून माह वर्ष 2013 की आपदा ने तो पूरे विश्व को हिलाकर रख दिया। केदारनाथ से आई आपदा ने सबकुछ तबाह करके रख दिया। इस आपदा ने हजारों लोगों की जान ली, जबकि सैकड़ों लोग बेरोजगार हो गये। आज तक भी लोगों के जेहन से आपदा का खौफ दूर नहीं हो पाया है। अभी भी आपदा के निशान यहां देखे जा सकते हैं। इस सबके बावजूद भी रुद्रप्रयाग व चमोली जनपद से किसी भी विधायक को मंत्रीमंडल में जगह नहीं दी गई है।
आपदा से जूझ रहे दोनों जनपदों की जनता को उम्मीद थी कि यहां के विधायकों में किसी न किसी को मंत्रीमंडल में जगह मिलेगी और जिलों का चहुमुखी विकास होगा, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। चमोली और रुद्रप्रयाग जनपद में समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है। सड़क, शिक्षा, बिजली, स्वास्थ्य, पेयजल, दूर संचार जैसी सुविधाओं के लिए जनता आज भी मोहताज है। आधुनिक युग में जनता को दूर संचार की कोई सुविधा नहीं है, जबकि सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों का आंदोलन आज तक रंग नहीं ला पाया है। रुद्रप्रयाग विधानसभा से भरत सिंह चौधरी के विधायक बनने के बाद जनता के मन में उम्मीद जगी है कि अब उनके क्षेत्र का विकास होगा और जनता को यह भी उम्मीद थी कि मंत्रीमंडल में उन्हें जगह मिलने से क्षेत्र में स्वास्थ्य और शिक्षा के उच्च संस्थान खोले जायेंगे, मगर श्री चौधरी को मंत्रीमंडल में जगह ना मिलने से जनता में मायूसी छा गई है।