कीमोथैरेपी और डायलिसिस कराने से पहले मरीजों को कोविड स्क्रीनिंग करानी होगी
ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में डायलिसिस और कीमोथैरेपी के लिए मरीजों को अब इंतजार नहीं करना पड़ेगा। कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन के चलते संस्थान में मार्च में स्थगित की गई ओपीडी व अन्य कई सेवाएं अब धीरे धीरे सुचारू की जा रही हैं।
ऋषिकेश नगर और आसपास के इलाकों में किडनी संबंधी रोगों से ग्रसित मरीजों की संख्या अधिक है, जो एम्स में नियमित उपचार के लिए आते हैं। खासकर उन लोगों को डायलिसिस की सुविधा फिर से नियमित तौर पर मिल सकेगी, जो पहले से ही संस्थान में इस सुविधा का लाभ लेते रहे हैं।
संस्थान में रेडियोथैरेपी की सुविधा लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई थी, इसके बाद से इसे सुचारू कर दिया गया था।
एम्स संकायाध्यक्ष अस्पताल प्रशासन प्रो. यूबी मिश्रा ने बताया कि इन दिनों एक दिन में डायलिसिस के अधिकतम नौ और कीमोथैरेपी के 12 मरीजों का ही उपचार हो पा रहा है। इसके लिए एम्स परिसर में अलग से वार्ड स्थापित किया गया है।
उन्होंने बताया कि संस्थान में कीमोथैरेपी और डायलिसिस कराने से पहले मरीजों को कोविड स्क्रीनिंग करानी होगी। कोविड सैंपल की नैगेटिव रिपोर्ट आने पर ही वो इन स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। मरीजों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो, इसके लिए उन्हें एम्स की वेबसाइट पर ऑनलाइन अथवा संस्थान की टेलीमेडिसिन ओपीडी के लिए उपलब्ध कराए गए टेलीफोन नंबरों के माध्यम से पंजीकरण की प्रक्रिया का पालन करना होगा।
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