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राजधानी को लेकर प्रदर्शनकारियों ने तोड़े डाले पुलिस के बैरियर!

  • विधानसभा परिसर में पुलिस को चकमा देकर घुसे आंदोलनकारी 

गैरसैंण : उत्तराखंड सरकार के बजट सत्र का पहला दिन बहुत ही हंगामेदार रहा। जहाँ विधानसभा के भीतर प्रतिपक्ष ने सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकालीतो वहीँ विधानसभा के  बाहर गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच जमकर संघर्ष हुआ। विधानसभा परिसर के बाहर और दिवालीखाल, जंगल चट्टी, गैरसैंण, मेहलचौरी में आंदोलनकारियों ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए सरकार से गैरसैंण को राजधानी घोषित करने की मांग की। वहीँ पुलिस ने पानी की बौछार कर आंदोलनकारियों की आवाज़ और उनके राजधानी को लेकर चल रहे आंदोलन को  दबाने की कोशिश की लेकिन आंदोलनकारी टस से मस नहीं हुए ।

इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के भराड़ीसैण की तरफ जाने वाले मार्ग पर लगाए बैरियर तक तोड़ डाले। जबकि सैकड़ों आंदोलकारी पुलिस को चकमा देकर विधानसभा परिसर और विधायक आवास तक में  घुसने में सफल रहे। पुलिस ने कई आंदोलनकारियों को पकड़ कर अस्थायी जेल में भेजा है। वहीँ  स्थायी राजधानी गैरसैंण की मांग को लेकर मोबाइल टावर पर आंदोलनकारी चढ़ गए ,जिससे पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों में मचा हड़कंप मच गया है।  समाचार लिखे जाने तक प्रशासन आंदोलनकारियों से टावर से नीचे उतरने का आग्रह करता रहा लेकिन आंदोलनकारी उनकी बात मानने को तैयार नहीं हैं ।

आंदोलनकारियों ने गैरसैंण राजधानी के लिए दिखाई अपनी ताकत 

बजट सत्र के पहले ही दिन आंदोलनकारियों ने अपनी ताकत दिखाई। तमाम सुरक्षा इंतजामों के बावजूद उत्तराखंड राज्य संघर्ष समिति और यूकेडी से जुड़े प्रदर्शनकारी जंगलों के रास्ते अलग-अलग टुकड़ियों में विधानसभा परिसर में घुस गए। इन्हें देख सुरक्षा कर्मियों के हाथपांव फुल गए। भारी भरकम पुलिस बल जब उन्हें पकड़ने के लिए दौड़ा तो आंदोलनकारी झंडे पर्चे हाथ में लेकर आगे बढ़ने लगे। यूकेडी के त्रिवेंद्र पंवार, किशोरी नंदन डोभाल समेत सौ से अधिक आंदोलकारी जंगल के रास्ते विधानसभा परिसर में पहुंच गए। इधर, राजेंद्र सिंह कनोडियां बिष्ट के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी दूसरे जंगल के रास्ते विधान सभा परिसर में आ गए। हालांकि उस समय भोजनावकाश था, सदन की कार्यवाही नहीं चल रही थी। मगर सदन के बाहर पसरी खामोशी को आंदोलनकारियों ने नारेबाजी से तोड़ा। पुलिसकर्मियों ने इन आंदोलनकारियों पकड़ लिया। आंदोलनकारियों को वाहनों में ठूंस कर मालसी और दूसरे स्थानों पर बनी अस्थायी जेलों में भेज दिया। विधानसभा कूच के दौरान 500 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई।  इस दौरान आंदोलनकारियों ने सरकार पर जनभावना की अनदेखी के गंभीरआरोप लगाते हुए जल्द ही प्रदेशभर में आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया। उन्होंने कहा आंदोलनकारी गांव-गांव जाकर जनता को लामबंद करेंगे। साथ ही आंदोलनकारियों ने प्रशासन की दमनात्मक कार्रवाई की निंदा की गई। 

दिवालीखाल में पुलिस के बैरियर तोड़े, पुलिस ने की पानी की बौछार 

राजधानी को लेकर चल रहे आंदोलन का सबसे ज्यादा हंगामा दिवालीखाल में देखने को मिला। यहां पर भारी बेरिकेंटिंग की गई थी। जैसे ही आंदोलकारी आगे बढ़े सुरक्षा कर्मियों ने पानी की बौछारों से उन्हें रोकना चाहा। कुछ आंदोलनकारी पानी के टैंकर पर ही चढ़ गए। वाटर टैंक के पाइप को हाथ से दबा दिया। इधर, सीपीआईएम समेत अन्य वामपंथी दलों ने भी गैरसैंण स्थायी राजधानी की मांग को लेकर सभाएं की। सीपीएम के राज्य सचिव राजेंद्र सिंह नेगी, भूपाल सिंह रावत, मदन मिश्रा समेत कई आदोलनकारियों ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस स्थायी राजधानी के नाम पर जनता के साथ छलावा कर रहे हैं। 

devbhoomimedia

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