केरल में हो रही हैं कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्याएं : दीक्षित
देहरादून। केरल सनातन समय से ही राष्ट्रवादी व हिन्दू धार्मिक विचार धारा से ओत-प्रोत है और संघ कार्य बढ़ने पर वामपंथी लोग-मार्क्स वादीयों ने संघ शाखा में खेलते और व्यायाम करते स्वयंसेवकों पर सशस्त्र हमले किये गये। यही नही काम-धंधों में लगे कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्याएं भी इनके द्वारा की गयी है।
यह बात मंगलवार को परेड ग्राउंड के पास स्थित एक मैदान में केरल में माकपा सरकार के संरक्षण में राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं पर हो रहे खूनी हमले एवं नरसंहार के विरोध में लोक अधिकार मंच देहरादून द्वारा आयोजित विशाल धरना प्रदर्शन के अवसर पर मंच के संरक्षक शशिकान्त दीक्षित कही। इस अवसर पर लोक अधिकार मंच ने एसडीम गणेश मर्तोलिया और एसपी सिटी अजय सिंह के माध्यम से राष्ट्रपति सम्बोधित ज्ञापन भी सौंपा।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र शारीरिक शिक्षण प्रमुख रणवीर ने बताया कि हिन्दू की उदारता ही उसके लिए शत्रु का कार्य कर रही है। जिसे सद्गुण विकिृति भी कहते हैं और यही स्थिति पूरे भारत की है। इसी स्थिति का लाभ उठाकर भारत में बाहर से आये विभिन्न वैचारिक आक्रांताओं ने भारत को गुलाम बनाया। उन्हीं में से एक साम्यवादी विचारधारा है। जिसने
भारत की वसुधैव कुटुम्बकम् एवं कृण्वन्तो विश्वमार्यम् जैसी अवधारणा से भारतीय जनमानस को दूर करने का प्रयास किया। जिसमें वे कुछ सीमा तक सफल भी हुऐ हैं।
उन्होंने बताया कि इसी साम्यवादी विचारधारा की सरकार बनने के बाद केरल के कन्नूर जिला सहित विभिन्न स्थानों पर पिछले 8 महीनों में 08 लोगों की निर्मम हत्यायें की गई और वहां पर भय का वातावरण बनाने का प्रयास किया गया। पिछले 60 वर्षाें में 262 राष्ट्रवादी विचार धारा के कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गयी।
राष्ट्रीय सवयंसेवक संघ के सह विभाग कार्यवाह अनिल नन्दा ने बताया कि केरल में साम्यवादी विचारधारा के लोग सुनियोजित एवं विभत्स तरीके से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संध, अ.भा.वि.प., भाजपा एवं अन्य राष्ट्रवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं की निर्मम तरीके से हत्या कर भय का वातावरण बना रहे हैं। इन हत्याओं को वहां की साम्यवादी विचार धारा वाली सरकार का संरक्षण प्राप्त है।
धरना प्रदर्शन का संचालन मंच के संयोजक हिमांशु अग्रवाल ने किया। इसके अलावा उत्तराखण्ड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, अभाविप के विभाग संगठन मंत्री अरूण चमोली, विज्ञान भारती के प्रान्त संगठन मंत्री प्रजातन्त्र, भाजपा महामंत्री संगठन संजय कुमार, भाजपा प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल, परिवार प्रबोधन महानगर संयोजक गजेन्द्र खण्डूरी सहित आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। राष्ट्रीय कवि संगम के प्रान्त संयोजक श्रीकांत शर्मा ने अपनी कविता के माध्यम से केरल में दिवंगत राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं को श्रद्धान्जली दी ।
देहरादून। केरल सनातन समय से ही राष्ट्रवादी व हिन्दू धार्मिक विचार धारा से ओत-प्रोत है और संघ कार्य बढ़ने पर वामपंथी लोग-मार्क्स वादीयों ने संघ शाखा में खेलते और व्यायाम करते स्वयंसेवकों पर सशस्त्र हमले किये गये। यही नही काम-धंधों में लगे कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्याएं भी इनके द्वारा की गयी है।
यह बात मंगलवार को परेड ग्राउंड के पास स्थित एक मैदान में केरल में माकपा सरकार के संरक्षण में राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं पर हो रहे खूनी हमले एवं नरसंहार के विरोध में लोक अधिकार मंच देहरादून द्वारा आयोजित विशाल धरना प्रदर्शन के अवसर पर मंच के संरक्षक शशिकान्त दीक्षित कही। इस अवसर पर लोक अधिकार मंच ने एसडीम गणेश मर्तोलिया और एसपी सिटी अजय सिंह के माध्यम से राष्ट्रपति सम्बोधित ज्ञापन भी सौंपा।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र शारीरिक शिक्षण प्रमुख रणवीर ने बताया कि हिन्दू की उदारता ही उसके लिए शत्रु का कार्य कर रही है। जिसे सद्गुण विकिृति भी कहते हैं और यही स्थिति पूरे भारत की है। इसी स्थिति का लाभ उठाकर भारत में बाहर से आये विभिन्न वैचारिक आक्रांताओं ने भारत को गुलाम बनाया। उन्हीं में से एक साम्यवादी विचारधारा है। जिसने
भारत की वसुधैव कुटुम्बकम् एवं कृण्वन्तो विश्वमार्यम् जैसी अवधारणा से भारतीय जनमानस को दूर करने का प्रयास किया। जिसमें वे कुछ सीमा तक सफल भी हुऐ हैं।
उन्होंने बताया कि इसी साम्यवादी विचारधारा की सरकार बनने के बाद केरल के कन्नूर जिला सहित विभिन्न स्थानों पर पिछले 8 महीनों में 08 लोगों की निर्मम हत्यायें की गई और वहां पर भय का वातावरण बनाने का प्रयास किया गया। पिछले 60 वर्षाें में 262 राष्ट्रवादी विचार धारा के कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गयी।
राष्ट्रीय सवयंसेवक संघ के सह विभाग कार्यवाह अनिल नन्दा ने बताया कि केरल में साम्यवादी विचारधारा के लोग सुनियोजित एवं विभत्स तरीके से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संध, अ.भा.वि.प., भाजपा एवं अन्य राष्ट्रवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं की निर्मम तरीके से हत्या कर भय का वातावरण बना रहे हैं। इन हत्याओं को वहां की साम्यवादी विचार धारा वाली सरकार का संरक्षण प्राप्त है।
धरना प्रदर्शन का संचालन मंच के संयोजक हिमांशु अग्रवाल ने किया। इसके अलावा उत्तराखण्ड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, अभाविप के विभाग संगठन मंत्री अरूण चमोली, विज्ञान भारती के प्रान्त संगठन मंत्री प्रजातन्त्र, भाजपा महामंत्री संगठन संजय कुमार, भाजपा प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल, परिवार प्रबोधन महानगर संयोजक गजेन्द्र खण्डूरी सहित आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। राष्ट्रीय कवि संगम के प्रान्त संयोजक श्रीकांत शर्मा ने अपनी कविता के माध्यम से केरल में दिवंगत राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं को श्रद्धान्जली दी ।
राष्ट्रपति महोदय, को भेजा गया ज्ञापन ……
श्रीमान् प्रणब मुखर्जी,
माननीय राष्ट्रपति महोदय
भारत सरकार, नई दिल्ली।
मान्यवर राष्ट्रपति महोदय,
हम केरल के कन्नूर जिले में निरन्तर हो रही हत्याओं एवं कातिलाना, जानलेवा हमलों की घटनाओं की ओर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं। केरल में माक्र्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों पर हमला करके उन्हें जान से मारा जा रहा है। केरल में माक्र्सवादी हिंसा के पुराने दौर की हृदय विदारक घटनाओं की स्मृति शायद आपके मानस पटल पर पहले से विद्यमान होंगी। वर्तमान हिंसक हमलों की पुनः शुरुआत केरल में लेफ्ट फ्रण्ट की सरकार बनने के बाद और भी बढ़ गई हैं।
कांजीकोड़ जिला पालघाट में संघ व भाजपा कार्यकताओं के घरों पर हिंसक हमला करके दंगाइयों ने मारकाट की व घरों में आग लगा दी। उससे एक महिला श्रीमती विमला देवी व उनके पति श्री कन्नन 90 प्रतिशत झुलस गए। श्री कन्नन अस्पताल में जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे हैं। यह संभवतया पहला अवसर है जब राजनैतिक विद्वेष से प्रेरित दंगाइयों ने महिलाओं पर जानलेवा हमला करते हुए उन्हें जानसे मारने का दुष्कृत्य किया है। गरीब-दलित मजदूर तथा अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं की हत्याओं की यह घिनौनी कार्यवाही है।
संघ व भाजपा के प्रतिनिधियों द्वारा केरल मुख्यमंत्री जी से बार-बार आग्रह किया गया कि वे कन्नूर के हिंसा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करके शान्ति समिति की बैठक करवाएँ ताकि राजनीति से प्रेरित हत्याओं को रोका जा सके। मुख्यमंत्री जिनके पास गृह विभाग का भी प्रभार है, द्वारा इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई है तथा मुख्यमंत्री ने जानबूझकर उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाया हुआ है।
अभी तक केरल में दस संघ-भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याएं हो चुकी हैं जिनमें एक महिला भी है। केरल राज्य पुलिस भी राजनैतिक पक्षपात कर रही है जिससे स्थिति और भी गम्भीर हो गई है। दंगाइयों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करवाने थानों में जाने पर निर्दोष नागरिकांे को हवालात में बन्द कर दिया जाता है और स्वयं पुलिस द्वारा उनके विरुद्ध झूठे मुकदमे बनाकर उन्हें यातनाएँ दी जा रही हैं, इस कारण पीड़ित लोग शिकायत करने थानों में भी नहीं जा पा रहें हैं।
कुछ मामले ऐसे भी हुए हैं जब पुलिस द्वारा अपराधियों या दंगाई या दंगाई कम्यूनिस्ट समर्थकों के विरुद्ध पुलिस कानूनी कार्यवाही करने जाती है तो पुलिस बल पर भी हथियारों से हमले किए गए। पोंकुणम पुलिस थाने में दंगाइयों के विरुद्ध कार्यवाही करने पर उल्टे दंगाइयों द्वारा पुलिस बल पर हमला होना इसका एक स्पष्ट उदाहरण है। दससे पुलिस का मनोबल भी गिरा है और मुख्यमंत्री पुलिस प्रभारी हैं।
कानून व्यवस्था बनाए रखना, नागरिकों को बिना भेदभाव के सुरक्षा प्रदान करना किसी भी राज्य सरकार का नैतिक दायित्व व जिम्मेदारी है।
देश के सर्वोच्च राज्याधिकारी होने के नाते हम आपसे केरल राज्य के विभिन्न जिलों में राजनैतिक विद्वेष से हो रही नाकरिकों की हिंसा से सुरक्षा प्रदान करने का विनम्र अनुरोध करते हैं। हमने केरल सरकार से भी अनुरोध किया है कि राजनैतिक हिंसा से बर्बाद हुए परिवारों को पुनर्वास, मुआवजा तथा इलाज के लिए सहायता की व्यवस्था करवाई जाए।
इस ज्ञापन एवं प्रदर्शन के माध्यम से हम केरल में हो रहे नरसंहार और हिंसक कार्यवाहियों को रोकने का केरल सरकार को अनुरोध करते हैं।
लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनैतिक मतभिन्नता के कारण हिंसक मारपीट में युवा नागरिकों का मारा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
हम माननीय राष्ट्रपति के रूप में आपसे सर्वोच्च अधिकारों का उपयोग करते हुए केरल की राजनैतिक हत्याओं को रोकने हेतु उचित निर्देश प्रदान करने का अनुरोध करते हैं। जिससे केरल में कानून व्यवस्था की स्थितियों में सुधार आए तथा केरल का स्वयं ईश्वर की भूमि होने का गौरव बना रह सके।
इसी शुभेच्छा के साथ-
भवदीय
हिमांशु कुमार अग्रवाल
संयोजक, लोक अधिकार मंच देहरादून