नोटबंदी की हो जांच तो पता चलेगा यह देश का सबसे बड़ा स्कैम
केन्द्र पर बरसे राज्यसभा में उप नेता आनंद शर्मा
देहरादून । पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं राज्यसभा में उप नेता आनंद शर्मा ने केन्द्र सरकार को आडे हाथों लेते हुए कहा कि केन्द्र लगातार जनता के हितों के साथ खिलवाड कर रहा है और नोटबंदी देश का सबसे बड़ा स्कैम के रूप में उभर कर सामने आया है और इसकी जांच की जानी चाहिए। उनका कहना है कि केन्द्र में कांग्रेस सत्ता में आयेगी तो इस नोटबंदी की सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश से जांच कराई जायेगी। अपने ही पैसों के लिए बंदिशें लगाने का काम केन्द्र सरकार ने किया है, इससे देश की अर्थ व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
यहां सुभाष रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से रूबरू होते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि यूपीए सरकार ने अपने कार्यकाल के समय में 72 हजार करोड किसानों का कर्जा माफ किया और आरटीआई जैसे पारदर्शी कानून को लागू करने के साथ ही लोकपाल को लागू करने का कार्य किया और अभी तक देश के प्रधानमंत्री 34 महीने में एक ऐसा भारतीय नहीं ढूंढ पाये है जो लोकपाल बन सके। उनका कहना है कि लोकसभा के चुनाव में नरेन्द्र मोदी ने जनता के साथ वायदे किये और कहा कि वह विदेशों में रखे हुए कालेधन को भारत वापस लाकर हर भारतीय के खातों में 15-15 लाख रूपये डालेंगे, यह कोई वायदा आज तक पूरा नहीं हो पाया है।
उनका कहना है कि नोटबंदी बिना तैयारी के लिया गया कदम है और इस नोटबंदी से देश को भारी नुकसान हुआ है और प्रधानमंत्री पेटीएम के ब्रांड एम्बेसडर बने हुए है, जबकि उन्हें बैंकों की सेहत ठीक करनी चाहिए थी और बैकों में पर्याप्त धनराशि भेजी जानी चाहिए थी लेकिन इस कार्य में वह पूरी तरह से असफल रहे और आज यह सोचने की आवश्यकता है कि देश किस ओर जा रहा है। उनका कहना है कि बीते रोज प्रधानमंत्री संसद से भूकंप पर एक विवादित बयान देते हुए राज्य में आई आपदा के जख्म कुरेद दिये और वर्ष 2013 में जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने बयान दिया था कि वह केवल गुजरात के लोगों को लेने के लिए यहां आये है और अब भूकंप आने पर अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है उन्हें उत्तराखंड की जनता से माफी मांगनी होगी। उनका कहना है कि इस मामले को राज्यसभा में पुरजोर तरीके से उठाया गया और वहां पर हंगामा भी किया, और पूर्व प्रधानमंत्री के रेनकोट मामले में भी जमकर हंगामा किया और प्रधानमंत्री से जवाब देने को कहा गया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और उन्होंने प्रधानमंत्री पद की मर्यादा गिराई है जिस कारण विपक्ष ने प्रधानमंत्री का बहिष्कार करने का निर्णय लिया, इस प्रकार से किसी भी अपमानित नहीं किया जा सकता है। उनका कहना है कि नोटबंदी से बैकों में 98 प्रतिशत धन जमा हो गया है और साठ दिन बाद नोटों की गिनती हो रही है और केन्द्र ने चार सौ करोड के लिए 15 लाख करोड रूपये खर्च कर दिये, यह कैसा विकास है, इसका जवाब प्रधानमंत्री को देना होगा। जनता का आज बैकों से विश्वास टूट गया है और प्रधानमंत्री भारत को डिजिटल इंडिया बनाने की बात कर रहे आज रहे है आज भी लाखों लोगों के बैंक खाते नहीं है और उन्हें डेबिट व क्रेडिट कार्ड कौन देगा। उनका कहना है कि देश की हालत दिन प्रतिदिन बिगडती जा रही है और इसके लिए मतदाताओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।
उनका कहना है कि राज्य के विकास, समस्याओं के समाधान व प्रदेश के भविष्य के लिए युवाओं के लिए काम, महिलाओं का सशक्तिकरण और पूर्व सैनिकों की प्रतिबद्धता का काम जो कांग्रेस के संकल्प पत्र में है और उसे आगे बढाने का कार्य किया जायेगा। राज्य के विकास के लिए कांग्रेस ने काम किया और आपदा के समय यूपीए सरकार ने छह हजार करोड रूपये दिये और जिसके तहत कार्य में तेजी लाई गई लेकिन एनडीए की सरकार ने इस पर किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं की है। उनका कहना है कि 2014 से आज तक प्रदेश के विकास के लिए किसी भी प्रकार की कोई धनराशि नहीं दी गई है बल्कि केन्द्रीय योजनाओं में कटौती कर दी और ग्रीन बोनस की राशि को आज तक नहीं दिया गया है।
उनका कहना है कि दल बदल से सरकार को गिराना और छुटटी के दिन राष्ट्रपति शासन लगाया गया। सत्ता हथियाने के लिए लिए संविधान का उल्लंघन किया गया जिसका जवाब जनता देगी।
उनका कहना है कि नरेन्द्र मोदी सपनों की सुनामी से प्रधानमंत्री बने है और प्रधानमंत्री की कथनी व करनी में अंतर है। उनका कहना है कि केन्द्र की सरकार को 34 महीने हो गये और 16 मई को तीन साल हो जायेंगे और अब तक केवल वायदें, दावे, विज्ञापन, प्रचार और नये नये शब्दों का प्रयोग किया गया इसके अलावा कुछ नहीं हो पाया केवल भारी भरकम शब्दों का प्रयोग व इन शब्दों से देश का परिवर्तन नहीं होता है। जनता के साथ किये गये वायदों को आज लागू करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव त्यागी, हिमाचल प्रदेश के मंत्री जी सी बाली, राजीव जैन, निशांत चतुर्वेदी, लालचन्द शर्मा, मथुरादत्त जोशी, संग्राम सिंह पंुडीर, राजीव जैन आदि मौजूद थे।