दिल्ली-देहरादून हाईवे निर्माण मामले में एफआरआई के सर्वे की रिपोर्ट तलब
नैनीताल हाईकोर्ट ने राजाजी नेशनल पार्क स्थित मोहंड क्षेत्र में दिल्ली-देहरादून हाईवे के चौड़ीकरण के चलते 2500 पेड़ काटने के मामले में सुनवाई के बाद एनएचएआई को एफआरआई के सर्वे की रिपोर्ट की कॉपी पेश करने के लिए कहा है।
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार रीनू पॉल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उस मार्ग में अधिकांशत: साल के पेड़ हैं। मार्ग निर्माण के लिए उनकी कटाई की जा रही है।
मोहंड क्षेत्र राजाजी नेशनल पार्क की ही परिधि में नहीं, बल्कि शिवालिक क्षेत्र के भूभाग में आता है, जो पर्यावरण की दृष्टि से विशेष क्षेत्र है। यहां से पानी का रिचार्ज भी पूरी दून घाटी में होता है। इन वृक्षों का कटान, पूरी दून घाटी के पर्यावरण क्षेत्र के लिए हानिकारक हो सकता है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने कोर्ट से पेड़ों के कटान को स्थगित करने की मांग की।
सरकार की ओर से इस संबंध में कोर्ट को अवगत कराया गया कि दिल्ली- देहरादून मार्ग पर विभिन्न क्षेत्रों में जानवरों के लिए सुविधाजनक और सुरक्षित आवागमन के लिए कुल 21 अंडरपास पुल व अन्य मार्ग बनाए जाने हैं। इसमें उत्तराखंड में शिवालिक क्षेत्र का 3.4 किमी का क्षेत्र शामिल है जबकि 16.3 किमी क्षेत्र उत्तर प्रदेश में है।
सरकार ने कहा कि इस क्षेत्र की संरचना इस प्रकार की है जिससे जानवरों को सुरक्षित आवागमन नहीं मिल पाता और आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। अंडरपास से यह समस्या खत्म हो जाएगी। देश के अन्य प्रांतों में यह प्रयोग बहुत सफल रहा है और जानवर भारी तादाद में अंडरपास का उपयोग सुरक्षित आवागमन के लिए कर रहे हैं।