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साम्प्रदायिक तनाव पर भाकपा (माले) ने की कार्रवाई की मांग, निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र

साम्प्रदायिक तनाव पर भाकपा (माले) ने की कार्रवाई की मांग, निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र

अगस्त्यमुनि। केदारनाथ विधानसभा के अगस्त्यमुनि, भीरी आदि स्थानों में दर्शन भारती व साथियों की एक समुदाय विशेष के दुकानदारों के साथ अभद्रता की,गाली गलौच व प्रतिष्ठानों का नाम बदलने का मामला तूल पकड़ गया है।

भाकपा (माले) के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने केंद्रीय-राज्य निर्वाचन आयोग व डीजीपी को पत्र भेज सांप्रदायिक तत्वों पर रोक लगाने व निरोधात्मक कार्रवाई की मांग की है।

विधानसभा उपचुनाव के बीच खुलेआम इस तरह से साम्प्रदायिक उन्माद और वैमनस्य पैदा करने की कोशिश बेहद गंभीर, चिंताजनक एवं अस्वीकार्य है। यह कानून- व्यवस्था को खुली चुनौती है।

गौरतलब है कि 14 नवंबर को दर्शन भारती व अन्य लोगों ने केदरानाथ विधानसभा क्षेत्र की मांस बेचने वाले दुकानदारों को हलाल का मीट बेचने पर घोर आपत्ति जताई। और दुकानें बंद करवा दी। इस दौरान दर्शन भारती के साथ आये लोगों ने नारेबाजी भी की। इस दौरान पुलिस ने किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया।

पत्र :-

प्रति,

मुख्य निर्वाचन आयुक्त,

भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी,

उत्तराखंड, देहरादून।

पुलिस महानिदेशक,

उत्तराखंड पुलिस, देहरादून।

जिलाधिकारी / जिला निर्वाचन अधिकारी

रुद्रप्रयाग।

पुलिस अधीक्षक,

रुद्रप्रयाग।

संलग्न वीडियो का संज्ञान लेने की कृपा करें।

जैसा कि आपको ज्ञात है कि उत्तराखंड के केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव की प्रक्रिया गतिमान है और 20 नवंबर 2024 को मतदान होना है।

इस बीच कतिपय सांप्रदायिक तत्वों द्वारा इस विधानसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यकों के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के विरुद्ध घृणा अभियान चलाया जा रहा है. कल दिनांक 14 नवंबर 2024 को अगस्त्यमुनि, भीरी आदि स्थानों पर दर्शन भारती और उनके साथ आए लोगों ने मुस्लिम दुकानदारों के साथ अभद्रता की, सरेआम गाली गलौच की, उन्हें प्रतिष्ठानों का नाम बदलने के लिए धमकाया। वे खुलेआम प्रशासनिक अफसरों के बारे में धमकी भरे अंदाज में बात करते रहे।

विधानसभा उपचुनाव के बीच खुलेआम इस तरह से साम्प्रदायिक उन्माद और वैमनस्य पैदा करने की कोशिश बेहद गंभीर, चिंताजनक एवं अस्वीकार्य है। यह कानून- व्यवस्था को खुली चुनौती है। स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव की प्रक्रिया के लिए ऐसी घटनाएं खुली चुनौती है। नागरिकों के एक हिस्से को धर्म के आधार पर धमकाया जाना, निश्चित ही शांतिपूर्ण और भयमुक्त चुनाव की राह में बाधा है और यह साम्प्रदायिक राजनीति को लाभ पहुंचाने की कोशिश है। उपचुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू होने के बीच ऐसी घटना होना तो सरेआम आचार संहिता की धज्जियां उड़ाने जैसा है। यह भी विडंबना है कि कल दोपहर में पुलिस ने अगस्त्यमुनि बाजार में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया और शाम को सांप्रदायिक तत्व खुलेआम अल्पसंख्यकों को डरा- धमका रहे थे।

आपसे यह निवेदन है कि तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करें और ऐसे सांप्रदायिक तत्वों पर रोक लगाएं, उनके विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई की जाए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किसी को भी सांप्रदायिक उन्माद फैला कर उपचुनाव को प्रभावित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

सधन्यवाद,

सहयोगाकांक्षी,

इन्द्रेश मैखुरी,

राज्य सचिव, भाकपा (माले)

उत्तराखंड।

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