AGRICULTURE

COVID-19 Effect : लॉकडाउन के चलते फूल उगाने वाले किसानों के मुरझाये चेहरे

लॉकडाउन से टूटी फूल उगने वाले देहरादून और हल्द्वानी के काश्तकारों की कमर

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । देहरादून के सहसपुर, विकासनगर और मसूरी के क्यारकुली सहित हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में कई किसान अपने पॉली हाउस में जरबेरा के फूल का बहुत ही बड़ी तादाद में उत्पादन करते हैं। फूलों की खेती से कई परिवार स्वरोजगार से भी जुड़े हुए हैं जबकि कई लोग अप्रत्यक्ष रूप से इस व्यवसाय में जुड़े हैं। लेकिन कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के चलते उन्हें काफी नुकसान हो रहा है। कोरोना महामारी की वजह से कहीं भी शादी समारोह सहित अन्य आयोजन नहीं हो रहे हैं। इसके चलते इन किसानों के फूल अब पॉली हाउस खेतों में ही खराब हो रहे हैं। 

गौरतलब है कि जरबेरा फूल सहित अन्य विदेशी की डिमांड शादी विवाह सहित अन्य पार्टियों में खूब होती रही है।उत्तराखंड के किसान इन फूलों को देहरादून सहित हल्द्वानी मंडी से दिल्ली के मंडी में जरबेरा फूल की सप्लाई करते हैं, इसी से इनकी रोजी रोटी चलती है।

ऐसे में जरबेरा के फूल का कारोबार करने वाले किसान परेशान हैं और अब इनके आगे आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया है। जरबेरा के फूल उत्पादन के लिए किसानों को अलग से खेती करनी पड़ती है। कई किसानों ने इन फूलों की खेती के लिए लाखों रुपए खर्च करने के बाद और कइयों ने तो बैंकों से लोन लेकर पॉली हाउस तैयार किए हैं।

लॉकडाउन के चलते जहाँ फूलों की मांग एकदम ख़त्म हो गई है वहीं इसके अब इन किसानों के फूल बाजारों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में यहां के फूल कारोबारियों की कमर टूट चुकी हैं। किसानों की मानें तो जरबेरा के फूल लॉकडाउन के चलते खेतों में ही खराब हो रहे हैं। उन्हें फूल को तोड़कर मजबूरन फेंकना पड़ रहा है। क्यारकुली गांव में लाखों रुपए लगाकर जरबेरा फूल लगाने वाले किसान गजेन्द्र सिंह रावत और उनके पुत्र आनंद सिंह रावत ने बताया कि हमारे सहित प्रदेश में फूलों की खेती करने वाले किसानों ने लाखों रुपए निवेश किया था, लेकिन लॉकडाउन के चलते फूल देहरादून,दिल्ली सहित हल्द्वानी सहित अन्य बाजारों में नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में उनके आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

हल्द्वानी के काश्तकारों का कहना है कि इस व्यवसाय में निवेश करने वाले लोग बैंकों से ऋण लेकर खेती कर रहे हैं। फूलों की बिक्री नहीं होने पर उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में उनको सरकार से मदद की जरूरत है।

Related Articles

Back to top button
Translate »