जीएसटी बिल को आनन-फानन में लागू करने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए
कांग्रेस पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व के GST कार्यक्रम का बहिष्कार का निर्णय सही : प्रीतम
देहरादून । उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने केन्द्र सरकार द्वारा आनन-फानन में लागू किये जा रहे जी.एस.टी. बिल को लागू किये जाने पर सवाल उठाये हैं। प्रीतम सिंह ने कहा कि आज आधी रात को केन्द्र सरकार देश में जी.एस.टी. लागू करने जा रही है। कांग्रेस पार्टी जीएसटी की पक्षधर रही है तथा यूपीए सरकार के समय 2004 में पहली बार तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने अपने भाषण में जीएसटी का उल्लेख किया था। यूपीए सरकार की कोशिश थी कि 2010 तक जीएसटी देश में लागू किया जाय तथा इसके लिए सभी राज्यों से जीएसटी के बारे में सहमति भी मांगी गई थी। तत्कालीन गुजरात सरकार के मुख्यमंत्री एवं वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान ने जीएसटी पर सहमति देने की बजाय जीएसटी को सिरे से खारिज कर दिया।
यूपीए सरकार अधिकतम 14 प्रतिशत टैक्स के साथ जीएसटी लागू करने जा रही थी, जबकि वर्तमान सरकार ने जीएसटी में टैक्स के 4 स्लैब तय किये हैं। प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जीएसटी का विरोध नहीं करती लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा यूपीए सरकार की तुलना में टैक्स की दरें 28 प्रतिशत तक निर्धारित की गई हैं जिससे पहले से मंहगाई की मार झेल रही जनता को और अधिक मार झेलनी पड़ेगी। टैक्स की दरों में वेतहाशा वृद्धि के साथ-साथ केन्द्र की मोदी सरकार नोट बंदी की तरह जीएसटी को बिना किसी तैयारी के लागू करने जा रही है। केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोलियम पदार्थों तथा षराब सहित कई ऐसी वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रखते हुए इन वस्तुओं पर 28 प्रतिशत से अधिक टैक्स लिया जा रहा है जो कि जनता के साथ धोखा है और केन्द्र सरकार के एक देश, एक वस्तु, एक टैक्स के दावे का का सीधा-सीधा उल्लंघन है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अभी तक जीएसटी के अन्तर्गत व्यापारियों का पंजीकरण तक नहीं किया गया है तथा बहुत सारे ऐसे सवाल हैं जिनका सरकार के पास न तो कोई जवाब है और न समाधान। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आज खुले रूप से केन्द्र सरकार की जीएसटी पॉलिसी पर हमला बोलते हुए कहा है कि जीएसटी देश के लिए वाटर लू का युद्ध साबित होगा। उन्होंनें कहा कि केन्द्र सरकार केवल प्रचार-प्रसार के माध्यम से प्रसिद्धि पाने के लिए बिना किसी तैयारी के, बिना व्यापारियों और आम जनता की सहमति के देश पर वाटर लू का युद्ध थोपना चाहती है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में अन्य राज्यों की अपेक्षा पंजीकरण की सीमा 10 लाख रखी गई है जो कि उत्तराखण्ड सहित पर्वतीय राज्यों के साथ न्यायोचित नहीं है। ब्राडेंड तथा नॉन ब्रान्डेड के आधार पर एक ही जैसी वस्तुओं के टैक्स में अन्तर रखा गया है। प्रीतम सिंह ने कहा कि सबसे बडी बात यह है कि संसद के केन्द्रीय हॉल में 15 अगस्त 1947 में देश को आजादी मिलने पर पहली बार आधी रात को जश्न मनाया गया था, दूसरी आर आजादी की 25वीं वर्षगांठ पर 15 अगस्त 1972 को तथा तीसरी बार आजादी की 50वीं वर्ष गांठ पर 15 अगस्त 1997 को केन्द्रीय हॉल में आधीरात को जष्न मनाया गया।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने देश में काम के अधिकार के रूप में मनरेगा, सूचना का अधिकार, भोजन का अधिकार, 18 वर्ष के नौजवानों को मतदान का अधिकार तथा शिक्षा का अधिकार जैसे कानून बनाये और लागू किये। कांग्रेंस पार्टी ने पंचायतों को संवैधानिक अधिकार के साथ-साथ समाज के कमजोर तबके एवं महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने का कानून देश में लागू किया लेकिन कभी भी इन कानूनों के लागू करने का जश्न संसद के केन्द्रीय हॉल में आधी रात को कभी नहीं मनाया, क्योंकि कांग्रेस पार्टी का संघर्ष और बलिदान का इतिहास रहा है और कांग्रेस पार्टी देश को आजादी दिलाने वाली पार्टी है तथा आजादी के लिए बलिदान और कुर्बादी देने वालों के सम्मान के प्रति सजग और सचेत रहती है। भारतीय जनता पार्टी का जीएसटी को लागू करने का जश्न संसद के केन्द्रीय हॉल में आधी रात को मनाने का प्रयास देश के रणबांकुरों और शहीदों का अपमान है। इसलिए कांग्रेस पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है।