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वैज्ञानिकजलस्रोतों के रिचार्ज व जैविक खेती में सहयोग करें : डॉ. पॉल

यूकाॅस्ट के तीन दिवसीय साइंस एंड टेक्नोलोजी कांग्रेस का उद्घाटन
- -विज्ञान व तकनीक का मानव कल्याण में हो प्रयोग : राज्यपाल
- -भूकम्पों के प्रभाव व ग्लेशियरों का किया जाए सैटेलाईट अध्ययन
- – जलस्त्रोतों व नदियों को पुनर्जीवित करने पर दें ध्यान

देहरादून । राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने विज्ञान धाम, झाझरा में यूकाॅस्ट द्वारा आयोजित 12वीं उत्तराखण्ड स्टेट साईंस एंड टेक्नोलोजी कांग्रेस का उद्घाटन करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में जैविक खेती में उत्पादकता बढ़ाने व जलस्रोतों के रिचार्ज की तकनीक विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों को आगे आना चाहिए। राज्य में लगातार आ रहे भूकम्पों के प्रभाव व ग्लेशियरों की स्थिति का सैटेलाईट अध्ययन किया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि विशेष तौर पर उत्तराखण्ड के संदर्भ में कुछ क्षेत्रों में वैज्ञानिकों को भूमिका निभानी होगी। आज भी किसानों में जैविक खेती को लेकर उतना उत्साह नहीं है। रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता में कमी आती है। वैज्ञानिक, इस तरह की तकनीक विकसित करें जिससे जैविक खेती में उत्पादकता बढ़े और किसान रासायनिक उर्वरकों की बजाय जैविक खेती को अपनाने के लिए प्रेरित हों। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में पानी की कमी का अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है। नदियों व जलस्त्रोतों के सूखने से यह समस्या उत्पन्न हो रही है। गांवों में पानी की कमी से पलायन को बढ़ावा मिलता है और खेती पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। जलस्त्रोतों व नदियों को पुनर्जीवित करने में वैज्ञानिकों को विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए।



इस अवसर पर सचिव रविनाथ रमन ने स्वागत भाषण व यूकाॅस्ट के महानिदेशक डाॅ. राजेंद्र डोभाल ने धन्यवाद भाषण ज्ञापित किया। कार्यक्रम में देशभर से आए वैज्ञानिक, स्काॅलर, छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।