- एनआईटी श्रीनगर के लिए जल्द बनेगा स्थायी कैंपस
- छात्रों की सभी समस्याओं पर सरकार गंभीर
- श्रीनगर से शिफ्ट नहीं होगा एनआईटी
राजेन्द्र जोशी
देहरादून। एनआईटी श्रीनगर के लिए जल्द ही स्थायी कैंपस बन जाएगा। इसके लिए राज्य में स्थानीय निकाय की चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद सरकार कैबिनेट में प्रस्ताव लाएगी। साथ ही छात्रों की अन्य समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए भी रास्ता तलाशा जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस संबंध में बुधवार को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री श्री प्रकाश जावेड़कर से फोन पर बातचीत की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि एनआईटी श्रीनगर से शिफ्ट नहीं होगा। वहीं NIT के निदेशक ने NIT श्रीनगर से सभी छात्रों को मेल भेजकर यह बताया है कि मानव संसाधन मंत्रालय के सचिव द्वारा NIT श्रीनगर के शिफ्टिंग कार्य में प्रगति है जिसे IDPL ऋषिकेश में अस्थायी रूप से तैयार किया जा रहा है। इसलिए अब आप लोग यहां कक्षाएं अटैंड कर सकते हैं। मेल में यह भी कहा गया है कि बिना समय गंवाए आप मुझे संपर्क कर सकते हैं। (ईमेल से छात्र का नाम जानबूझकर हटा दिया गया है क्योंकि इस तरह का मेल NIT श्रीनगर से सभी छात्रों को भेजा गया है.)
NIT निदेशक के पत्र से साफ़ है कि अब NIT को ऋषिकेश में शिफ्ट करने की तैयारियां चल रही है। वहीं मामले पर एनआईटी श्रीनगर को लेकर मुख्यमंत्री श्री रावत ने बुधवार को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री श्री जावेड़कर से जमीन और अन्य समस्याओं पर बातचीत की। मुख्यमंत्री ने बताया कि एनआईटी श्रीनगर के स्थायी कैंपस के लिए सुमाड़ी के पास ही करीब 122 एकड़ जमीन तलाश ली गई है। चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद सरकार इस जमीन का हस्तांतरण एनआईटी के नाम करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि छात्रों की हाॅस्टल की समस्या का स्थायी समाधान भी निकाला जाएगा। स्थायी कैंपस बनने तक श्रीनगर में ही प्रशासनिक भवन और फैक्लटी भवन तक पहुंचने के लिए अलग से मार्ग बनाया जाएगा। इससे छात्रों को राष्ट्रीय राजमार्ग से नहीं गुजरना पड़ेगा। उन्होंने एनआईटी श्रीनगर को लेकर की जा रही राजनीति को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि एनआईटी किसी भी स्थिति में श्रीनगर से शिफ्ट नहीं होगा। इस संबंध में उनकी केंद्रीय मंत्री से बातचीत हो गई है।
वहीं मामले में सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से बात करने की कई बार कोशिश की गयी लेकिन उनके पीएस द्वारा उनसे बात करने में असमर्थता व्यक्त की गयी।
जबकि समाज सेवी मोहन काला से जब बात की गयी तो उन्होंने साफ़ कहा कि NIT को किसी भी कीमत पर श्रीनगर गढ़वाल से बाहर शिफ्ट किये जाने का विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब आतंकवाद प्रभावित जम्मू -कश्मीर प्रान्त के श्रीनगर जैसे स्थान पर NIT चल सकता है तो शांतप्रिय पर्वतीय इलाके श्रीनगर गढ़वाल में क्यों नहीं चल सकता। उन्होंने कहा पहाड़ विरोधी मानसिकता के लोग पहाड़ से मैदान इस तरह के संस्थानों को शिफ्ट करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं जिसका क्षेत्र की जनता मुंहतोड़ जवाब देगी। उन्होंने कहा कि कुछ पहाड़ विरोधी तत्व छात्रों को बहला -फुसलाकर इस संस्थान को विवादित बनाने पर तुले हुए हैं।