Uttar Pradesh
गृह विभाग की उच्च स्तरीय बैठक मे पुलिस, अग्निशमन, महिला सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों की समीक्षा सीएम योगी

देवभूमी मीडिया ब्यूरो – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गृह विभाग के साथ बैठक में प्रदेश के प्रत्येक जिले में साइबर क्राइम थाने की स्थापना का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए अब यह समय की मांग है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में साइबर सिक्योरिटी अहम विषय है। पुलिस परिक्षेत्र के बाद अब प्रदेश के हर जिले में एक साइबर क्राइम थाना की स्थापना की आवश्यकता है। इस बारे में यथाशीघ्र विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करें।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में मादक पदार्थों के अवैध निर्माण, खरीद-फ़रोख़्त और ड्रग ट्रैफिकिंग के विरुद्ध अभियान को और तेज करने की आवश्यकता है। इस दृष्टि से संवेदनशील जिलों में सतर्कता और इंटेलिजेंस को और बेहतर करना होगा। अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ाई जाए।
उत्तर प्रदेश, नेपाल राष्ट्र के साथ-साथ उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार और दिल्ली से अपनी सीमा साझा करता है। विकास और सुरक्षा के दृष्टि से सीमा प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। सीमावर्ती जिलों में थाना, तहसील, विकास खंड सहित जिला प्रशासन में युवा, विजनरी, और ऊर्जावान अधिकारियों की तैनाती की जाए। यहां सभी विभागों में पर्याप्त मानव संसाधन की उपलब्धता रहे।
चाहिए।
सीमावर्ती जनपदों में समीपवर्ती राज्य/राष्ट्र से आवागमन होता रहता है। ऐसे में यह जिले अन्य राज्य/राष्ट्र के लिए हमारे ब्रांड एम्बेसेडर सरीखे होते हैं। यह आवश्यक है कि यहां प्रशासन का व्यवहार सहयोगपूर्ण हो। इन जिलों में मंडी, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल, अच्छे स्कूल, बेहतर परिवहन व्यवस्था होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन के संकल्प की पूर्ति में ‘सेफ सिटी परियोजना’ अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। प्रदेश में इस परियोजना के माध्यम से लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत मॉडर्न कंट्रोल रूम, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केंद्र, सीसीटीवी कैमरे, महिला थानों में परामर्शदाताओं के लिए हेल्प डेस्क, बसों में पैनिक बटन व अन्य सुरक्षा उपायों को लागू करने में सहायता मिली है।
अंतर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबंधन करते हुए अधिकाधिक शहरों को सेफ सिटी बनाने की।कोशिश करनी होगी। गृह, नगर विकास, आवास, संस्थागत वित्त और राज्य कर विभाग परस्पर बैठक कर जनसहयोग के माध्यम से सभी सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे, पिंक टॉयलेट, बसों में पैनिक बटन आदि सुरक्षा प्रबंध करने की कार्ययोजना तैयार करें।
सेफ सिटी परियोजना की उपयोगिता को देखते हुए सभी नगर निगमों तक इसका विस्तार किया जा सकता है। इस संबंध में कन्वर्जेंस को आधार बनाकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए।