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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से की भेंट

मुख्यमंत्री ने केंद्र से 262 करोड़ की कैम्पा योजना को मंजूरी का अनुरोध किया

वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर को वानिकी गतिविधियों में शामिल करने का किया आग्रह 

मुख्यमंत्री ने दिल्ली में किया निर्माणाधीन उत्तराखंड निवास का निरीक्षण  

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में निर्माणाधीन भवन ‘उत्तराखण्ड निवास’ का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण कार्य, गुणवत्ता बनाए रखते हुए तय की गई समय सीमा में पूरा करना सुनिश्चित किया जाए।
बताया गया कि 3, गोपीनाथ बारदोलाई मार्ग, चाणक्यपुरी नई दिल्ली में जून 2020 से उत्तराखण्ड निवास का काम शुरू किया गया। भवन में तीन बेसमेन्ट होंगे। है। भवन में भू तल को सम्मिलित करते हुए कुल सात तल बनाए जाएंगे।
भवन उत्तराखण्ड वास्तुकला शैली में बनाया जायेगा। यह पांच सितारा ग्रीन भवन है। इसका अपना सीवेज सोधन संयत्र होगा। भवन में 50 किलो वाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट भी है। भवन का वास्ताविक निर्माण कार्य दिनांक जून 2020 से प्रारम्भ किया गया। भवन को माह दिसम्बर 2021 तक पूर्ण कर दिया जायेगा तथा रंगरोगन, फिनिशिगं का काम मार्च 2022 तक पूरा किया जाना है। सभी जरूरी स्वीकृतियां प्राप्त कर ली गई है।
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर से भेंट कर राज्य से संबंधित मामलों पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण लाखों की संख्या में उत्तराखण्ड के लोग वापस अपने राज्य में आए हैं। राज्य सरकार ने इनके रोजगार के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना सहित अनेक कदम उठाए हैं। कैम्पा में भी 10 हजार लागों को रोजगार देने के लिए योजना बनाई गई है। पर्यावरण और जैव विविधता के संरक्षण में उत्तराखण्ड की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
उन्होंने कहा राज्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष और वनाग्नि पर प्रभावी रोक लगाने क लिए भी कैम्पा के तहत 2020-21 के लिए 262 करोड़ 49 लाख रूपए की अतिरिक्त धनराशि का प्रस्ताव भारत सरकार के वन मंत्रालय को भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से इस प्रस्ताव की स्वीकृति का अनुरोध किया। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में जंगली जानवरों द्वारा विशेष तौर पर बंदर, सूअर, और मैदानी क्षेत्रों में नील गाय खेती को नुकसान पहुंचाते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों पर लेपर्ड द्वारा हमले की घटनाओं को रोकने और जंगली जानवरों द्वारा खेती को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर स्थापित किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर को वानिकी गतिविधियों के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने मुख्यमंत्री के अनुरोध पर अपनी सैद्धांतिक स्वीकृति दी।  

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