नए सिरे से नियमावली और प्रस्ताव तैयार करने के आदेश
पुलिस अधिकारी ही वरिष्ठता के निर्धारण को लेकर एकमत नहीं
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पुलिस में इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टरों की सेवा नियमावली को लेकर चल रहे विवाद पर पुलिस के आलाधिकारियों की बात को न मानते हुए नियमावली का व्यापक अध्ययन करने की जहां बात की है वहीं मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों को साफ कहा कि नियमावली में ऐसा कोई प्रावधान न हो जिससे प्रदेश की कानून-व्यवस्था का जिम्मा उठा रहे पुलिस कर्मियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़े।
गौरतलब हो कि प्रदेश में बीते वर्ष इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर पदों की सेवा नियमावली तैयार की गई थी। इस नियमावली में इंस्पेक्टर पद पर पदोन्नति के लिए कुछ पात्रताएं नए सिरे से तय की गई। इसमें अधिकारियों में ही वरिष्ठता के निर्धारण को लेकर एकमतता नहीं है और नियमावली ही फंस गई है।
ज्ञात हो कि पुलिस महकमे के पुराने दरोगा वरिष्ठता के आधार पर इंस्पेक्टर पद पर पदोन्नति चाहते हैं। जबकि नई नियमावली में सीधी भर्ती से आए दरोगाओं को भी वरीयता देने का प्रावधान किया गया है। इसमें सेवा के दौरान किए गए प्रशिक्षण और इस अवधि में मिले दंड के नंबर भी रखे गए हैं। बस इसी को लेकर खींचातानी चल रही है। इसी विवाद के चलते मामला मुख्यमंत्री दरबार तक जा पहुंचा चुका है।
सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों संग बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमावली को लेकर एक बार फिर नए सिरे से चर्चा कर ली जाए। पुलिस मुख्यालय इस पर नए सिरे से एक प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराए जिस पर कार्मिक व न्याय विभाग की राय भी ली जाएगी। मुख्यमंत्री का साफ़ कहना है कि किसी भी कर्मचारी का हक नहीं मारा जाना चाहिए। अब इस संबंध में मंगलवार को पुलिस मुख्यालय के तमाम अधिकारी इस पर विस्तृत चर्चा कर नए सिरे से नियमावली और प्रस्ताव तैयार करेंगे।