सीएम ने मसूरी पहुंचकर व्यवस्थाओं का लिया जायजा
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सीएम ने मसूरी पहुंचकर व्यवस्थाओं का लिया जायजादेवभूमि मीडिया ब्यूरो देहरादून / मसूरी : पहाड़ों की रानी के नाम से विश्व विख्यात मसूरी में रविवार (28 जुलाई) को हिमालयन कॉन्क्लेव शुरू हो रहा है जिसमें पहली बार हिमालयी राज्यों के मुखिया एक मंच पर नजर आएंगे। हिमालयन कॉन्क्लेव में जहां नॉर्थ ईस्ट और उत्तर भारत के जम्मू -कश्मीर को बुलाया गया है वहीं पडोसी राज्य हिमाचल भी उपस्थित होगा जबकि मेजबानी उत्तराखंड राज्य कर रहा है .कॉन्क्लेव में हिमालयी राज्य आपस में पर्यावरण और तमाम साझे जुडे़ विभिन्न समस्याओं पर विचार-विमर्श करेंगे। इस कॉन्क्लेव में नीति आयोग की टीम के साथ होने वाली बैठक में पीएम मोदी के निर्देश पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार भी शामिल हो रहे हैं।इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ ही केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, हिमांचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर, मेघालय के मुख्यमंत्री श्री के.सी. संगमा, नागालैण्ड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, अरूणाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री चौना मेन, मिजोरम के मंत्री श्री टी.जे. लालनुंत्लुआंगाए, त्रिपुरा के मंत्री श्री मनोज कांति देव, मुख्यमंत्री सिक्कीम के सलाहकार डा. महेन्द्र पी. लामा, जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के सलाहकार श्री के.के. शर्मा उपस्थित रहेंगे। इस सम्मेलन में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार, सचिव जल एवं स्वच्छता भारत सरकार श्री परमेश्वरन अय्यर सदस्य एनडीएमए श्री कमल किशोर, भारतीय वन प्रबन्धन संस्थान के प्रोफेसर डा. मधू वर्मा भी प्रतिभाग करेंगे। प्रदेश के पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज धन्यवाद ज्ञापित करेंगे।सूबे के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया, ‘इस सम्मेलन में सभी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी और मुख्यमंत्री शरीक होने आ रहे हैं। इसमें सभी राज्यों में विषम भौगोलिक परिस्थितियों, उच्च वन भूमि और जलावायु परिवर्तन के चलते पड़ रहे मानव विकास के असर पर विचार-विमर्श कर एक ऐसा मसौदा तैयार किया जाएगा, जिससे इन राज्यों में विकास को रफ्तार मिल पाएगी।’वहीं, नीति आयोग के सदस्यों के साथ हो रही बैठक में हिमालयी राज्यों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। इसमें उत्तर भारत से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड और नॉर्थ ईस्ट से आठ राज्य- सिक्किम, आसाम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर से प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।वहीं कॉन्क्लेव शुरू होने की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को मसूरी पहुंच कर रविवार को आयोजित हो रहे हिमालयी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मसूरी में होटल सवोय में आयोजित हो रहे इस महत्वपूर्ण सम्मेलन हेतु की गई व्यवस्थाओं का व्यापक स्थलीय निरीक्षण कर उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने आयोजन की व्यवस्थाओं के प्रति सन्तोष व्यक्त करते हुए इस आयोजन को उत्तराखण्ड के साथ ही हिमालयी राज्यों के व्यापक हित में बताया है।मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हिमालयन कान्क्लेव में हिमालयी राज्यों से जुडे विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा होगी। पर्यावरण संरक्षण, आपदा प्रबंधन जैसे विषयों पर भी विचार-विमर्श किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी राज्यों के कॉमन एजेण्डा पर भी सम्मेलन में चर्चा होगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि भारत की अधिकांश नदियों का स्रोत हिमालय है। इसलिए प्रधानमंत्री के जल संचय अभियान में हिमालयी राज्यों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है। 11 हिमालयी राज्य किस प्रकार जल संरक्षण में केंद्र का सहयोग कर सकते हैं, इस पर भी मंथन किया जाएगा।