UTTARAKHAND

मुख्यमंत्री ने किया “पोषण पखवाड़ा 2020” का शुभारम्भ

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं पोषण अभियान की द्वितीय वर्षगांठ के अवसर पर कार्यक्रम 

मुख्यमंत्री ने विभागीय शुभंकर “सरूली बुआ” का किया अनावरण

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं पोषण अभियान की द्वितीय वर्षगांठ के अवसर पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के “पोषण पखवाड़ा 2020” का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभागीय शुभंकर “सरूली बुआ” का अनावरण किया।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश की मातृ शक्ति को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए प्रदेशभर में आयोजित होने वाले मेलों में डायटिशियन की व्यवस्था की जानी चाहिए। डायटिशियन के द्वारा एवं स्थानीय उत्पादों के प्रयोग से क्षेत्र की महिलाओं को कुपोषण एवं एनीमिया से शीघ्र मुक्ति दिलाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु चलाई जा रही योजनाओं का दूरस्थ क्षेत्रों तक प्रचार प्रसार किया जाए ताकि इन योजनाओं के लाभ से कोई भी वंचित न रहे।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने पोषण अभियान के तहत राज्य में महिलाओं एवं किशोरियों में एनीमिया के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु गढ़वाली एवं हिन्दी भाषा में एनीमिया से बचाव पर आधारित लघु फिल्म का भी विमोचन किया। उन्होंने कहा कि एनिमिया के प्रति जागरूक करने के लिए पोषण पखवाड़ा के अन्तर्गत एनीमिया प्रबन्धन के प्रचार-प्रसार को एक अभियान के रूप में चलाया जाए ताकि राज्य की महिलाओं एवं किशोरियों को एनीमिया से मुक्ति हेतु जागरूक किया जा सके।

सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास श्रीमती सौजन्या ने बताया कि विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु शुभंकर तैयार किया गया है, जिसका नाम “सरूली बुआ” है जो स्वभाव से सरल एवं जानकार है। यह शुभंकर उत्तराखण्ड की संस्कृति एवं स्थानीय खाद्यान्नों को भी प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि राज्य में 08 से 22 मार्च, 2020 तक पोषण पखवाडा का आयोजन किया जायेगा। इसमें पोषण के पांच सूत्र-सुनहरे 1000 दिन, एनीमिया प्रबन्धन, डायरिया से बचाव, साफ-सफाई व हैण्डवाश एवं पौष्टिक आहार पर आधारित विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, जिससे राज्य को कुपोषण मुक्त किया जा सके।

इस अवसर पर निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग सुश्री झरना कमठान एवं उपनिदेशक श्रीमती सुजाता उपस्थित भी उपस्थित थीं।

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