मुख्यमंत्री उत्कृष्टता व सुशासन पुरस्कार इस बार रहे इन अधिकारियों के नाम
जिलाधिकारी देहरादून डॉ.आशीष श्रीवास्तव को मिला तीसरी बार पुरस्कार
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव को लगातार तीसरे साल और तीसरी बार मुख्यमंत्री उत्कृष्टता एवं सुशासन पुरस्कार 2019-20 मिल रहा है। जबकि इनके अलावा सामूहिक श्रेणी में आईएएस अधिकारी राधिका झा और शैलेश बगौली को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। उनके अलावा तीन अन्य अधिकारियों को व्यक्तिगत श्रेणी में पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। सभी लोगों को ये पुरस्कार गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर दिए जा सकते हैं।
गुरुवार को प्रभारी सचिव सामान्य प्रशासन और चर्चित रहे डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने पुरस्कारों की घोषणा करते हुए आदेश जारी किया। आईएएस अधिकारियों की एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर चयनित इन पुरस्कारों की व्यक्तिगत श्रेणी में उत्तररकाशी के प्रभागीय वन अधिकारी संदीप कुमार, पिथौरागढ़ पत्थरखानी राजकीय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य कौस्तुभ चंद्र जोशी और अल्मोड़ा राजस्व विभाग के कैंप कार्यालय में डिप्टी कलेक्टर मोनिका को मुख्यमंत्री उत्कृषटता एवं सुशासन पुरस्कार के लिए चुना गया।
सामूहिक श्रेणी में जिन्हे मिला पुरस्कार :-
1.आईएएस अधिकारी शैलेश बगौली व सदस्यों को सचिव परिवहन के तौर किए गए कार्यों के लिए प्रदान किया गया। बगौली की टीम में अपर परिवहन आयुक्त सुनीता सिंह, उप परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह, संभागीय परिवहन अधिकारी दिनेश चंद पठोई, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अरविंद पांडेय व मुख्य प्रशासनिक अधिकारी नरेश संगल शामिल हैं।
2. आईएएस अधिकारी राधिका झा व सदस्यों को अध्यक्ष उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण, उरेडा के तौर पर किए उल्लेखनीय कार्य करने के एवज में दिया गया। उनकी टीम में उरेडा के निदेशक कै. आलोक शेखर तिवारी व अनुभाग अधिकारी जेपी मैखुरी पुरस्कार के लिए चुने गए।
3. आईएएस अधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव, जिलाधिकारी देहरादून की टीम में तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी नितिका खंडेलवाल, प्रभागीय वन अधिकारी राजीव धीमान, मुख्य नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल व अधिशासी अभियंता, पेयजल निगम एके चतुर्वेदी का पुरस्कार के लिए चयन हुआ।
इनके इन कार्यों के लिए इन्हे मिला पुरस्कार :-
व्यक्तिगत श्रेणी:- संदीप कुमार: भू क्षरण व भूस्खलन पर नियंत्रण, दयारा बुग्याल में काम, पिरूल चेकडैम बनाकर भूकटाव से बचाव, इको फ्रैंडली तकनीक को अपनाया।
कौस्तुभ चंद्र जोशी : नई किरण वेबसाइट बनाई, डिजिटल लैब से स्कूल में शिक्षा, वर्षा जल संग्रहण का कार्य
मोनिका : जागेश्वर महोत्सव, व्यापक प्रचार प्रसार से पर्यटकों की वृद्धि, देवदार वनीकरण अभियान चलाया। साहसिक कार्यक्रम, उचित मूल्य पर भोजन उपलब्धता आदि कार्य किए।
सामूहिक श्रेणी में जिन्हे मिला पुरस्कार :-
शैलेश बगौली व सदस्य : आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट, वाहन चालक कुशलता परीक्षण की नई तकनीक से लागत 75 प्रतिशत कम हुई। कुशल वाहन चालक का चयन 15 से 20 मिनट में।
राधिका झा व सदस्य : चीड़ की पत्तियों से हरित ऊर्जा का उत्पादन। पिरूल आधारित विद्युत व ब्रिकेट का उत्पादन। पिरुल नीति बनाई। पिरुल से हरित ऊर्जा बनाने के कार्य को रोजगार से जोड़ा। स्वयं सहायता समूह, वन पंचायतों व स्थानीय लोग पिरुल एकत्रित कर आमदनी अर्जित करने को प्रेरित हुए।
डॉ. आशीष श्रीवास्तव व सदस्य : गंगा की स्वच्छता और उससे स्वच्छ जल की आपूर्ति करने में अहम भूमिका निभाई। प्रतिदिन नदी के आसपास एकत्र होने वाले फूलों का सदुपयोग अगरबत्ती व अन्य सह उत्पाद खाद बनाने का कार्य लघु व कुटीर उद्योगों को देकर रोजगार के अवसर। 1.75 लाख पौधों का रोपण, प्रदूषण का स्तर कम करने के प्रयासों के लिए। डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने स्मार्ट सिटी परियोजना में दून को 99वें से आठवें स्थान तक पहुंचाया। एमडीडीए वीसी के रूप में उन्होंने ही दून के डिजिटल मास्टर प्लान की पहल की।