राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस राजेश टंडन को सौंपी प्रारूप की कॉपी
प्रस्तावित अधिनियम में चारों धामों के हकहकूदारियों का रखा गया है ध्यान
समाज के हित को ध्यान में रखकर कार्य होना चाहिए : मनोहरकान्त ध्यानी
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की तर्ज पर प्रदेश के चारों धामों में दर्शन, यात्रा और अन्य सुविधाओं को और अधिक व्यवस्थित बनाने के लिए चार धाम विकास परिषद ने एक्ट का प्रारूप तैयार कर लिया है। बीते दिन वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की तर्ज पर तैयार किए प्रारूप की प्रति परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस राजेश टंडन को सौंपी।
विधानसभा में उत्तराखंड लोक धार्मिक संस्थाएं (प्रबंधन एवं विकास) अधिनियम 2019 के प्रारूप पर विचार हुआ। आचार्य ममगाईं की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी और विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. अनसुइया प्रसाद मैखुरी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर बैठक में आचार्य ममगाईं ने कहा कि प्रस्तावित अधिनियम में चारों धामों के हकहकूदारी को ध्यान में रखा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर आयोजित बैठक में सभी धामों से जुड़े प्रमुख लोगों और हकहकूकदारों को बुलाया गया था।
Contents
राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस राजेश टंडन को सौंपी प्रारूप की कॉपी प्रस्तावित अधिनियम में चारों धामों के हकहकूदारियों का रखा गया है ध्यान समाज के हित को ध्यान में रखकर कार्य होना चाहिए : मनोहरकान्त ध्यानी देवभूमि मीडिया ब्यूरो देहरादून : वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की तर्ज पर प्रदेश के चारों धामों में दर्शन, यात्रा और अन्य सुविधाओं को और अधिक व्यवस्थित बनाने के लिए चार धाम विकास परिषद ने एक्ट का प्रारूप तैयार कर लिया है। बीते दिन वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की तर्ज पर तैयार किए प्रारूप की प्रति परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस राजेश टंडन को सौंपी।विधानसभा में उत्तराखंड लोक धार्मिक संस्थाएं (प्रबंधन एवं विकास) अधिनियम 2019 के प्रारूप पर विचार हुआ। आचार्य ममगाईं की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी और विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. अनसुइया प्रसाद मैखुरी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर बैठक में आचार्य ममगाईं ने कहा कि प्रस्तावित अधिनियम में चारों धामों के हकहकूदारी को ध्यान में रखा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर आयोजित बैठक में सभी धामों से जुड़े प्रमुख लोगों और हकहकूकदारों को बुलाया गया था।उन्होंने मंदिरों और यात्रा की व्यवस्था में सुधार के लिए कई सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं में सुधार के साथ हर हाथ को काम भी मिले। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने पलायन ने कहा कि पलायन रोकने के लिए चारों धामों में तीर्थाटन के कारोबार को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देना होगा।बैठक में पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी ने कहा कि एक व्यक्ति विशेष का नहीं बल्कि समाज के हित को ध्यान में रखकर कार्य होना चाहिए। इसमें सबकी सहमति भी आवश्यक है। चारधाम विकास परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष अनुसूइया प्रसाद मैखुरी ने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश व प्रदेश हित में सबको मिलकर काम करना होगा।
उन्होंने चारों धामों लोगों को साथ लेकर व्यवस्थाएं बनाने का सुझाव दिया। विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस राजेश टंडन ने कहा कि एक्ट बनने और उसके लागू होने के बाद चारों धामों की यात्रा व्यवस्था में कई बड़े सुधार होंगे। बैठक में कृष्ण कांत कोठियाल, हरीश डिमरी, महेश बग्वा़ड़ी, जगमोहन उनियाल, कृतेश्वर उनियाल, राकेश सेमवाल, पोस्ती जी, परिषद के ओएसडी प्रवीण ममगाई एवं सभी धामों के कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।