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बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही बंद हुई इस वर्ष की चार धाम यात्रा
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कार्तिक शुक्ल पंचमी उत्तराषाढ़ा नक्षत्र बृहस्पतिवार अपराह्न 3 बजकर 35 अभिजीत शुभ मुहूर्त में हुए भगवान बद्रीविशाल के कपाट बंद
सवा तीन लाख यात्री चार धाम पहुंचे उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड द्वारा साढे तीन लाख ई -पास जारी किये गये
उत्सव डोली को गाजे बाजे के साथ पांडुकेश्वर ले जाया गया
शुक्रवार प्रातः 9.30 बजे बदरीनाथ धाम से श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी पांडुकेश्वर एवं आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी पांडुकेश्वर होते हुए श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी धर्माधिकारी वेदपाठियों के साथ प्रस्थान करेगी
21 नवंबर को रावल जी एवं आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में हो जायेगी विराजमान
22 नवंबर से परंपरागत रूप से श्री योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर एवं श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजायें
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
बंद हुए मध्यमेश्वर धाम के कपाट
ऊखीमठ: पंच केदारों में शामिल द्वितीय केदार मध्यमेश्वर धाम के कपाट भी गुरुवार सुबह 7.30 बजे शीतकाल के लिए बंद हो गए।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद बाबा मध्यमेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंचेगी।
जबकि 20 नवंबर को डोली राकेश्वरी मंदिर रांसी, 21 नवंबर को उनियाणा, राऊलैक, बुरुवा व मनसूना होते हुए गिरिया गांव और 22 नवंबर को फाफंज, सलामी, मंगोलचारी, ब्राह्मणखोली व डंगवाड़ी होते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो जाएगी , अब अगले छह माह तक द्वितीय केदार की पूजा यहीं संपन्न होगीं।