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चार धाम यात्रा पिछले दो माह में बना गयी रिकॉर्ड,अब मानसून के चलते हुई सुस्त !

दो माह में श्रद्धालुओं की संख्या छह लाख 46 हजार 939 पहुंची

जबकि बीते वर्ष यात्रियों की संख्या थी पांच लाख 52 हजार 344

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । चारधाम यात्रा की गति आजकल भले ही मानसून सीजन के चलते ढ़ीली हो गयी है, लेकिन बीते दो महीनों में इस यात्रा में आपदा के बाद के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। इस बार चार धाम के कपाट खुलने के दो माह में ही यात्रा पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या छह लाख 46 हजार 939 पहुंच चुकी है, जो पिछले साल की चार धाम यात्रा की तुलना में करीब एक लाख अधिक है।

चारधाम यात्रा मार्ग पर अवस्थापना सुविधाओं पर है सरकार का फोकस : त्रिवेन्द्र  रावत 

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी की केदारनाथ की यात्राओं के बाद केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। इसके बाद से केदारनाथ में अवस्थापना सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालु केदारनाथ व बद्रीनाथ के साथ-साथ पंच बद्री व पंच केदार के दर्शन भी कर सकें, इसके लिए पर्यटन विभाग की वेबसाईट व अन्य माध्यमों से इन प्रमुख धार्मिक स्थलों का भी व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना जरूरी है।  उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग पर भी अवस्थापना सुविधाओं को और पुख्ता करने की जरुरत है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। 

गौरतलब हो कि इस साल सात मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चार धाम यात्रा का शुभारंभ हो गया था। इसके बाद नौ मई को केदारनाथ और 10 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते ही यात्रा ने वो तेजी पकड़ी कि चारधाम यात्रा मार्ग पर जाम की स्थिति आ गयी। वहीं इसी बीच एक जून को विश्वविख्यात सिक्खों के [पवित्र तीर्थ हेमकुंड साहब की यात्रा भी शुरू हो गयी जिससे बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर तो यात्रियों का भारी दबाव बढ़ गया। चार धाम यात्रा मार्ग पड़ने वाले जिला प्रशासन को स्थिति नियंत्रण करने में काफी मशक्क्त भी करनी पड़ी। यात्रा की यह गति जून माह के मध्य तक यानी डेढ़ माह तक जारी रही। इस दौरान प्रतिदिन करीब 10 से 12 हजार श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए गए। लेकिन मानसून की देश में दस्तक के बाद मध्य जून से चार धाम यात्रियों की संख्या में कमी आने लगी है जो अब तक जारी है। परिणाम यह रहा कि जहाँ प्रतिदिन 10 से 12 हज़ार श्रद्धालु चार धाम का रुख कर रहे थे यह संख्या अब घटकर दो हज़ार प्रतिदिन तक गिर चुकी है।  

उल्लेखनीय यह है कि वर्ष 2013 में केदारनाथ की आपदा के बाद इस साल कपाट खुलने के दो माह बाद अब तक चार धाम यात्रा में पहुंचे श्रद्धालुओं की संख्या ने एक नया बनाया है। यदि आंकड़ों की बात की जाय तो जहां वर्ष 2013 की आपदा के बाद वर्ष 2014 में चार धाम यात्र शुरू होने के दो माह बाद एक लाख 22 हजार 100 श्रद्धालु चार धाम यात्रा पर पहुंचे थे। वहीं वर्ष 2015 में यह संख्या दो माह में दो लाख 92 हजार 227 ही पहुँच पायी । वहीं वर्ष 2016 में चार लाख 44 हजार 82 तीर्थयात्रियों ने दो माह में चार धाम के दर्शन किए। जबकि वर्ष 2017 में पांच लाख 70 हजार 641 श्रद्धालु दो माह में चार धाम यात्रा करने को पहुंचे। 

यात्रियों की संख्या में निरंतर वृद्धि के चलते और प्रधानमंत्री मोदी की केदारनाथ यात्रा और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रयासों के बाद बीते वर्ष 2018 में कपाट खुलने के बाद दो माह के अंतराल में यात्रियों की संख्या पांच लाख 52 हजार 344 तक जा पहुंची थी, वहीं इस साल इस यात्रा ने अब तक के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त करते हुए अब तक छह लाख 46 हजार 939  श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित किया है। अब उम्मीद की जा रही है कि वर्षाकाल के समाप्त हो जाने के बाद यह यात्रा एक बार फिर गति पकड़ेगी।

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