केन्द्र सरकार पूरी तरह से होमवर्क करने में फेल साबित हुई : पुनिया
बागी नेता अब विधानसभा का मुंह नहीं देख पायेेगें
हरिद्वार । राज्य अतिथि गृह में पत्राकारों से वार्ता करते हुए राज्यसभा सांसद कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पी0एल0 पुनिया ने नोटबंदी पर बोलते हुए कहा कि केन्द्र सरकार पूरी तरह से होमवर्क करने में फेल साबित हुई। आमजनमानस को अनेकों कठिनाईयों से जूझना पड़ रहा है। एटीएम खाली बैंक में कैश की कमी से बड़ी संख्या में लोग जूझ रहे हैं।
उन्होंने कहा आर्थिक मंदी की चपेट में मध्यक्ष वर्ग के अलावा बड़ा व्यापारी भी हतााश हैं। अर्थव्यवस्था का संकल्प कैसे पूरा होगा। देश हित में लिया गया निर्णय पूरी तैयारी के साथ नहीं हुआ। आम जनता को धकेला गया हैं। विवाह समारोह बुरी तरह से प्रभावित रहे। ढाई लाख की घोषणा भी मात्रा हवाई साबित हुई। काले धन भ्रष्ट्राचार व फर्जी नोट के उद्देश्य सही साबित नहीं हो पा रहे हैं। आनन-पफानन में घोषणा तो लागू कर दी गई है हर वर्ग का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि नजदीकी लोगों को फायदा पहुंचाया गया है आरोप यह भी है कि भ्रष्टाचारी लोग लाईनों में कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। नोटबंदी के निर्णय से पहले कई राज्यों में भाजपा के मंत्रियों द्वारा करोड़ों की जमीने बिहार, उड़ीसा में जमीनों की खरीद फरोख्त का मामला लगातार सुर्खियों में उठ रहा है।
उन्होंने कहा कि 8 नवम्बर से पूर्व मोटे लेन देन व जमीनों की लेन देन की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिये। उत्तराखण्ड के चुनाव पर बोलते हुए उन्होंने निश्चित तौर पर उत्तराखण्ड में कांग्रेस की सरकार दोबारा बनेगी। राज्य के मुख्यमंत्राी सभी वर्गो का विकास कर रहे हैं अनेकों लाभकारी जनहित की योजनायें प्रदेश भर में संचालित हैं।
टिकट की मांग पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि टिकट मांगने का अधिकार प्रत्येक कार्यकर्ता को हैं लेकिन नाम घोषणा के बाद विरोध् करना सरासर पार्टी के हित में स्वीकार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में राज्य सरकार की योजनायें प्रत्येक वर्ग को मिल रही है साथ ही बागी विधायकों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी से अब स्वार्थी तत्व निकल गये हैं। ऐसे नेता अब विधानसभा का मुंह नहीं देख पायेेगें।
इससे पूर्व प्रदेश प्रवक्ता मनीष कर्णवाल ने राष्ट्रीय प्रवक्ता का डाम कोठी में स्वागत किया और कहा कि नोटबंदी का असर आमजनमानस पर पूरी तरह से पड़ रहा है। प्रत्येक वर्ग कैश की कमी से त्रास्त हैं। रोजमर्रा के कार्य पूरी तरह से बाध्ति हो चुके हैं। उत्तराखण्ड सहित अन्य प्रदेशों में भी बैंकों की कतारें कम होने का नाम नहीं ले रही है।