भाजपा ने कहा लोककल्याणकारी तो कांग्रेस ने कहा निराशाजनक

बजट आम आदमी का बजट
देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बजट लोकलुभावन नहीं बल्कि लोककल्याणकारी बजट है। इसमें गांव, किसान, महिलाओं के विकास और स्वास्थ्य सुविधाओं पर फोकस किया गया है। मुख्यमंत्री ने बजट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को देश को बधाई भी दी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्त मंत्री अरूण जेटली को न्यू इंडिया बजट पेश करने पर बधाई देते हुए कहा कि यह बजट आम आदमी का बजट है, इससे गांव का, किसानों का, छोटे और मझौले उद्यमियों का और सामाजिक सुरक्षा का ख्याल रखा गया है।
सचिवालय में मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि केद्र ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के हित का बजट बनाया है। बजट से राज्य की कलस्टर बेस कृषि की परिकल्पना पर मुहर लगी है। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में डेढ़ गुना वृद्धि की गई है, इससे किसानों की आय दुगुनी करने का रास्ता आसान होगा। आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना, नए मेडिकल कालेज, कर्मचारियों के ईपीएफ में 12 प्रतिशत का सरकारी अंशदान बेहतर कदम है। इसके साथ ही सड़क, बुनियादी ढांचा विकास, बिजली कनेक्शन, शौचालय, बेघरों को आवास देने की योजना पर भी विशेष फोकस रखा गया है।
सीएम ने अपने ट्विटर एकाउंट के जरिये बजट पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेप करने और किसानों की आमदनी बढ़ाने का स्पष्ट रोडमैप और विजन न्यू इंडिया बजट में दिख रहा है। उन्होंने कहा यह सुखद संयोग है कि आज के बजट में कई घोषणाएं ऐसी हैं, जिनमे उत्तराखंड में पहल की जा रही है। बजट में क्लस्टर बेस्ड खेती, ऑर्गेनिक खेती, और सगंध पौधों की खेती को बढ़ावा देने की बात की गई है। उत्तराखंड में हम इन चीजों पर पहल शुरू कर चुके हैं।
सीएम ने कहा कि बजट में 4 करोड़ गरीब घरों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देने, 2022 तक हर गरीब को घर देने का लक्ष्य है। इसी तर्ज पर हमने 2019 तक सभी घरों को बिजली से रौशन करने, 2022 तक हर बेघर को छत देने, हर घर को पानी देने का संकल्प लिया है। सीएम ने कहा कि बजट में ब्लैक बोर्ड से डिजिटल बोर्ड की ओर बढ़ने यानी डिजिटल एजुकेशन की बात कही गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि केवाईएएन डिवाइस से हमने अपने राज्य में डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा देने की पहल की है।
वहीँ राष्ट्रीय सचिव तीरथ सिंह रावत ने कहा कि बजट का उद्देश्य आम आदमी के जीवन स्तर एवं देश की अर्थब्यव्यस्था मे मजबूत करना है। यह आमजन को खुश करने से इतर लोगों के खुशहाली का बजट है।
केंद्र का बजट हर वर्ग को निराश करने वाला
वहीँ हल्द्वानी में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व वित्त मंत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि केंद्र का बजट हर वर्ग को निराश करने वाला है। उत्तराखंड को ग्रीन बोनस देने की मांग पर इस बार भी डबल इंजन सरकार ने उपेक्षा ही दिखाई है।
डॉ. इंदिरा ने कहा कि पीएम ने प्रतिवर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, अब बजट में वह पीछे हट गए हैं। अब केंद्र 75 लाख लोगों को रोजगार की बात बजट में कह रहा है। किसान परेशान है, न तो उनका लोन माफ हुआ और न उचित समर्थन मूल्य व लाभांश दिए जाने की बात कही गई। गैस, पेट्रोल, डीजल के दाम कम नहीं किए गए। रेल को पहाड़ तक पहुंचाने की कोई योजना बजट में नहीं दिखी। आंकड़ों की बाजीगिरी कर रही सरकार को देश को बताना चाहिए कि लगातार गिर रही विकास दर को कैसे संभालेंगे। नोटबंदी से लाखों लोग बेरोजगार हुए। आयकर में छूट की उम्मीद हर व्यक्ति को थी, लेकिन छूट की बजाय सेस और लाद दिए गए हैं। कुल मिलाकर बजट जीएसटी, नोटबंदी और महंगाई की मार से त्रस्त जनता की दिक्कतों को और बढ़ाने वाला है।
प्रीतम सिंह ने कहा बजट में उत्तराखंड की घोर उपेक्षा
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने आम बजट को दिशाहीन, विकास विरोधी और आम आदमी के खिलाफ सोच वाला बजट करार दिया। कहा कि बजट में उत्तराखंड की घोर उपेक्षा हुई है। बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस बजट में कोई विजन नजर नहीं आता। केवल आंकड़ों की बाजीगरी की गई है। इस बजट से आम आदमी पर महंगाई का बोझ बढ़ेगा। राज्य को इस बजट से ग्रीन बोनस की मांग की अनदेखी की गई है। जीएसटी से होने वाले नुकसान की भरपाई के बारे में सरकार ने कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है। हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार ने अपना वादा भी भुला दिया है।
प्रीतम के अनुसार यह बजट केवल पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाले बजट है। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन ने कहा कि इस बजट ने पूरे देश का निराश किया है। केवल सुनहरे वादे किए जा रहे हैं। इसे भाजपा का चुनावी बजट भी कहा जा सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के प्रवक्ता सुरेंद्र कुमार ने राज्य की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए राज्य पांचों सांसदों से इस्तीफा देने की मांग की ग्रीन बोनस, रेल परियोजना समेत राज्य के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की अनदेखी कर दी गई है।