अपनी ही सरकार की नीतियों के विरोध में भाजपा विधायक !

- ग्रामीणों के आंदोलन को गंगोत्री विधायक गोपाल रावत का समर्थन
- नगर पालिका के विस्तारीकरण पर अपनी ही सरकार से विधायक नाराज
उत्तरकाशी । नगर पालिका बाड़ाहाट के विस्तारीकरण के विरोध में 16 गांवों के ग्रामीणों के आंदोलन को गंगोत्री विधायक गोपाल रावत ने समर्थन दिया तथा आधे घंटे तक धरना स्थल पर बैठे रहे। नगर पालिका के विस्तारीकरण पर अपनी ही सरकार की नीतियों का विरोध करने वाले गोपाल रावत भाजपा के पहले विधायक हैं। विधायक गोपाल रावत ने कहा कि उन्होंने 16 गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव नहीं दिया। बल्कि 8 दिसंबर को उन्होंने शासन को पत्र लिखा है कि जिन गांवों का शहरीकरण नहीं हुआ है उन्हें नगर पालिका से बाहर रखा जाए। जिससे गांव की संस्कृति और सभ्यता बची रहे।
उत्तरकाशी जिला परिसर में धरना, प्रदर्शन करने वाले ग्रामीणों के बीच शनिवार को विधायक गोपाल रावत पहुंचे। विधायक गोपाल रावत से ग्रामीणों ने नाराजगी व्यक्त की। आंदोलनकाअभिषेक जगुड़ी ने कहा कि ग्रामीणों से न तो प्रशासन ने कोई प्रस्ताव मांगे और न जन सुनवाई की। इसी कारण ग्रामीणों को आंदोलन के लिए विवश होना पड़ रहा है। जबकि ग्रामीणों की इच्छा नगर पालिका में शामिल होने की नहीं है तो प्रशासन क्यों तानाशाह बन रहा है।
ग्रामीण डॉ. नागेन्द्र जगूड़ी ने कहा कि भारत देश अधिकारियों, नेताओं व नगरों का देश नहीं है। बल्कि गांवों और किसानों का देश है। गांव की अपनी एक अलग संस्कृति और अपनी परंपराएं होती हैं। लेकिन इन सब को नजर अंदाज किया जा रहा है। इस पर विधायक गोपाल रावत ने कहा कि इस आंदोलन के कारण शासन में उनकी बात को बल मिला है। नगर पालिका बाड़ाहाट में बडेथी, मातली, कोटी, डांग, मांडों, जसपुर, नेताला, गणेशपुर को नहीं आना चाहिए। इन गांवों का अभी शहरीकरण नहीं हुआ। हां जिन गांवों का शहरीकरण हो चुका है वे गांव तो शामिल किए जा सकते हैं।
इस मौके पर ग्रामीण लदाड़ी की प्रधान वीना पंवार, कोटियाल गांव के प्रधान सुनील गुसाई, जसपुर गांव के प्रधान बबीता नौटियाल, नेताला के प्रधान जगदंबा प्रसाद, मांडो गांव की प्रधान रजनी देवी, बसूंगा की प्रधान नीता बिष्ट, मातली प्रधान चंद्रकला, बडेथी के प्रधान बबिता परमार, डांग की प्रधान रजनी देवी नाथ, संतोष कुमार, विजेंद्र नौटियाल, दिवाकर भट्ट, जगदंबा प्रसाद सेमवाल सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।