कमजोर स्थिति में है डीडीहाट व गंगोली हाट पर भाजपा
भाजपा ने दो नए सूरमा मैदान में उतारे
गंगोलीहाट से पूर्व महिला आयोग की अध्यक्ष गीता ठाकुर का दावा मजबूत
पिथौरागढ़ । भाजपा ने इस बार अपने दो पुराने खिलाडिय़ों पर भी दांव खेला है। दो सीटों पर नए सूरमा मैदान में उतारे हैं। चुनाव में उतारे दोनों नए सूरमा राजनैतिक क्षेत्र में अभी नए हैं। भाजपा ने पिथौरागढ़ सीट से पुराने खिलाड़ी प्रकाश पंत को मैदान में फिर से उतारा है। वर्ष 2002 और 2007 का चुनाव जीतने वाले भाजपा के इस दिग्गज का 2012 में कांग्रेस के मयूख महर ने पराजित किया। इस बार भाजपा ने फिर प्रकाश पंत पर ही अपना दांव खेला है।
हालाँकि कांग्रेस की अभी सूची जारी तो नहीं हुई है परंतु मयूख महर की दावेदारी तय मानी जा रही है। इस सीट पर प्रकाश पंत और मयूख महर की यह तीसरी बार की टक्कर होगी। दोनों के बीच वर्ष 2002 में टक्कर हुई थी परंतु तब किरण मालदार ने यूकेडी से चुनाव लडकऱ इसे त्रिकोणीय बना दिया था। चुनाव में प्रकाश पंत सर्वाधिक 39 फीसद वोट लेकर विजयी रहे थे।
कांग्रेस के मयूख महर को 24 फीसद वोट मिले थे। 2012 में प्रकाश पंत और मयूख महर के बीच सीधा मुकाबला था। मयूख महर ने 60 फीसद वोट हासिल कर प्रकाश पंत को पटखनी दी थी। भाजपा 37 फीसद वोट ही प्रान्त कर सकी। डीडीहाट सीट पर फिर भाजपा के पुराने दिग्गज विशन सिंह चुफाल मैदान में हैं। उनके सामने कांग्रेस का कौन होगा यह सूची जारी होने के बाद स्पष्ट होगा। लगातार चार चुनाव जीतने के बाद पांचवी बार मैदान में उतरे चुफाल की लड़ाई कभी कांग्रेस से तो कभी उक्रांद से होती रही है।
इस सीट पर हमेशा त्रिकोणात्मक संघर्ष रहा है। इस संघर्ष में हमेशा चुफाल सबसे अधिक वोट लेकर चुनाव जीतते आ रहे हैं। इस बार भाजपा से ही बगावत के स्वर उठे हैं। पूर्व जिपं अध्यक्ष किशन भंडारी ने निर्दलीय चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है। उक्रांद से काशी सिंह ऐरी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। सीट पर चतुष्कोणीय संघर्ष के आसार बने हैं। गंगोलीहाट सीट से भाजपा ने महिला मीना गंगोला को मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला कांग्रेस के दो बार के विधायक नारायण राम आर्य या महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष गीता ठाकुर से माना जा रहा है। गीता ठाकुर राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा को झटका देकर कांग्रेस में शामिल हो गयी थी लिहाज़ा का कांग्रेस में टिकट को लेकर उनका दावा मजबूत माना जा रहा है।
इस सीट से दो बार कांग्रेस तो एक बार भाजपा विजयी रही है। भाजपा ने गत चुनाव में यहां से महिला प्रत्याशी पर ही दांव लगाया था। हाल ही में कांग्रेस में जा चुकी गीता ठाकुर को प्रत्याशी बनाया था। इस बार फिर महिला प्रत्याशी पर भाजपा ने दांव खेला है। धारचूला सीट पर भी भाजपा ने फिर नया चेहरा मैदान में उतारा है। हाल ही में भाजपा में शामिल हुए वीरेंद्र सिंह पाल को अपना प्रत्याशी बनाया है। वीरेंद्रानंद ने 2012 का चुनाव टीपीएस रावत की पार्टी रक्षा मोर्चा से चुनाव लड़ा था। सीट पर 2347 मत प्रान्त किए थे। इस बार उनके प्रत्याशी बनते ही धारचूला भाजपा में विरोध हो रहा है। भाजपा के इस नए सूरमा के सामने सबसे पहली चुनौती पार्टी और कार्यकर्ताओं के बीच अपनी स्वीकार्यता को साधने की है। इस अग्रि परीक्षा में सफल होना पहली चुनौती बनी है।