धारचूला भाजपा के लिए तो डीडीहाट कांग्रेस के लिए ग्रहण
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
पिथौरागढ़ । धारचूला सीट भाजपा के लिए एक मरीचिका बन कर रह गई है। धारचूला से सटी डीडीहाट विधानसभा सीट में विगत चार चुनावों से भाजपा परचम लहरा रही है परंतु गोरी नदी पार करते ही भाजपा का कमल मुरझा जाता है। हिमालय से निकलने वाली चार नदियों काली, गोरी, धौली और रामगंगा की घाटियों से लेकर हिमाच्छादित महाहिमालय में चीन सीमा तक फैली धारचूला विस क्षेत्र का भूगोल और सांस्तिक एवं सामाजिक परिवेश को समझना सभी के बूते में नहीं है।
धारचूला सीट की बनावट ऐसी है कि यहां पर अलग-अलग रंग देखने को मिलता है। चारों नदी घाटियों का अपना अलग सामाजिक परिवेश है। चार नदी घाटियों के परिवेश में खरा उतरने वाला ही इस सीट का प्रतिनिधत्व करता है। इस सीट की सीमा नेपाल, चीन के अलावा बागेश्वर की कपकोट और पिथौरागढ़ की डीडीहाट सीट से लगी है। राज्य बनने के बाद इस सीट पर अभी तक भाजपा अपना परचम नहीं लहरा सकी है।
राज्य बनने के बाद वर्ष 2002 और 2007 में निर्दलीय प्रत्याशी तो 2012 के चुनाव में कांग्रेस विजयी रही। वर्ष 2014 के उपचुनाव में सीएम हरीश रावत विजयी रहे। सभी चुनावों में भाजपा दूसरे स्थान पर रही परंतु पहले स्थान के लिए भाजपा अभी तक कोई पहल नहीं कर सकी है। इस बार के चुनावों में भाजपा कांग्रेस को पछाडऩे का दावा कर रही थी परंतु टिकट बंटवारे के साथ ही उपजे असंतोष के बाद अब स्थितियां उलट नजर आने लगी हैं।
प्रदेश बनने के बाद हुए चार चुनावों में भाजपा यहां पर प्रत्याशी बदलती रही है। 2002 में गोर्वद्घन बृजवाल, 2007 में कुंदन सिंह टोलिया, 2012 में खुशाल पिपलिया तो इस बार वीरेंद्र सिंह पाल को प्रत्याशी बनाया है। ऐसा लगता है कि धारचूला क्षेत्र में भाजपा के पास सर्वमान्य कोई एक चेहरा नहीं है। सीएम के खिलाफ चुनाव लडऩे के लिए भी भाजपा ने कांग्रेस से आए पूर्व प्रमुख बीडी जोशी को प्रत्याशी बनाया था।
राज्य बनने के बाद धारचूला सीट को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित कर दिया गया था। इसे लेकर यहां पर एक नया समीकरण बना। गैर आरक्षित वर्ग के लोगों ने दलों पर अपनी निष्ठा का त्याग कर एक राय बनाई। क्षेत्र में मात्र 600 की आबादी वाले आदिम जनजाति के गगन रजवार को सर्वदलीय प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा।
वर्ष 2002 और 2007 का चुनाव जिताया। वर्ष 2012 में सीट के सामान्य होते ही यहां पर कांग्रेस ने अपना परचम लहराया। इस सीट से सीएम हरीश रावत भी विधायक हैं। धारचूला सीट भाजपा के लिए तो डीडीहाट सीट कांग्रेस के लिए ग्रहण बन चुकी है। 2012 के चुनाव में कांग्रेस ने पिथौरागढ़, गंगोलीहाट और धारचूला जीती परंतु डीडीहाट में पिछड़ गई। वर्ष 2007 में भाजपा ने पिथौरागढ़, डीडीहाट और गंगोलीहाट सीटें तो जीती परंतु धारचूला में जीत से दूर रह गई।