देहरादून । उत्तराखंड गोर्खा एवं अन्य सभी पिछड़ा वर्ग जन जागृति महामंच के पूर्व उपाध्यक्ष सेनि कैप्टन जेबी कार्की ने कहा है कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी व केन्द्रीय नेताओं ने लोकतंत्र की हत्या करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि एक निर्वाचित सरकार को गिराकर राष्ट्रपति शासन लगाया गया जिससे प्रदेश का विकास अवरूद्ध हुआ है।
उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कार्की ने कहा है कि महामंच ने जिला एवं विधानसभा वार सभी क्षेत्रों की समीक्षा एवं आंकलनों के निष्कर्ष को रेखांकित करते हुए 2012 व 2014 माह फरवरी में विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री थे कि कार्यशैली और 2014 मार्च माह में 18 मार्च 2016 तक हरीश रावत मुख्यमंत्राी की कार्यशैली पर विभिन्न विधनसभाओं के मताध्किारियों से बातचीत कर विशेष विकास, कल्याण, शिक्षा और रोजगार प्राप्ति पर पफोकस करते हुए जो हकीकत आंकडे सामने आये है वह चैकाने वाले आंकडे हैं।
उनका कहना है कि परन्तु 18 मार्च 2016 के पश्चात भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता हथियाने का षड़यंत्र के तहत जो मर्यादा को तार-तार करते हुए जो काले कारनामें किया है उन्हें आज तक उत्तराखंड का बच्चा, जवान व अन्य भूले नहीं है। उनका कहना है कि कांग्रेस के नौ विधायकों को विजय बहुगुणा ने भाजपा में मिलकर हरीश रावत अर्थात कांग्रेस सरकार को गिराने की चेष्टा की। उनका कहना है कि भाजपा राज्य संगठन और भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व ने असंवैधनिक तरीके से हरीश रावत सरकार को उत्तराखंड में तेजी से चलाये जा रहे सैकडों विकास कार्य को बाध्ति करने की मंशा से राष्ट्रपति शासन प्रभावी कर हरीश रावत सरकार को बर्खास्त किया और सबसे अहम चैंकाने वाली बात है कि राष्ट्रपति शासन के साथ में काला बदनुमा दाग 16 वर्ष की समय के भीतर केन्द्र के और राज्य के संगठन अध्यक्ष अजय भटट ने केन्द्रीय नेतृत्व के साथ मिलकर लगाया जिससे आज सभी उत्तराखंड के वासी शर्मसार है।
उनका कहना है कि आठ नवम्बर को देश के प्रधानमंत्राी नरेन्द्र मोदी ने जिस प्रकार से पांच सौ व एक हजार के नोट बंद करने का ऐलान किया उससे प्रदेश ही नहीं देश की जनता काफी परेशान हुई है और नोटबंदी से मध्यम वर्ग, छोटे व्यापारी, मजदूर, किसान, पूर्व सैनिक व अर्द्ध सैनिक और सैनिकों के परिवारों को प्रताड़ित किया। उनका कहना है कि अपना पैसा बदलने के लिए कतार में खडे खडे सैकड़ों लोग अपनी जान गवां बैठे और उनके लिए केन्द्र सरकार ने किसी भी प्रकार की कोई मुआवजा राशि तय नहीं की है और मृतक के पीड़ितों को किसी भी प्रकार की कोई सहायता प्रदान नहीं की है और प्रदेश में आये भूकंप पर जिस प्रकार से प्रधानमंत्री ने बयान दिया उससे यहां की जनता का मजाक उडाया गया है, देश के प्रधनमंत्राी को इस बयान पर प्रदेश की जनता से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। पत्रकार वार्ता में महामंच के प्रमुख संयोजक दिनेश सिंह कौशल, पीएस कार्की, सोहन कुमार, कंचन, उमा उपाध्याय, पूजा सुब्बा आदि मौजूद रहे।