POLITICS

भाजपा ने गिनाई तीन माह की उपलब्धियां तो कांग्रेस ने दिया जवाब

प्रदेश अध्यक्ष अजय भटट् की  प्रेस कान्फ्रेंस पर कांग्रेस ने उल्टा उन्हे घेरा 

खनन राजस्व बढ़ा तीन माह में पिछले साल की तुलना में 40 करोड़ रुपये

हर्षिल घाटी इनर लाइन से मुक्त, नेलांग घाटी में सिंगल विंडो सिस्टम

देहरादून । भारत सरकार ने भारत के मिनी स्विटजरलैंड कही जाने वाली हर्षिल घाटी को इनर लाइन से मुक्त कर दिया है और नेलांग घाटी में सिंगल विंडो सिस्टम लागू कर दिया है। हर्षिल घाटी में हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटक आते थे लेकिन 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद से यहां इनर लाइन अधिसूचित कर यहां विदेशियों के रात्रि विश्राम को प्रतिबंधित कर दिया गया था। वे केवल दिन में ही वहां भ्रमण कर पाते थे । वही,दूसरी ओर नेलांग घाटी भी सामरिक दृष्टि से संवेदनशील होने से देशी-विदेशी पर्यटकों के लिये प्रतिबंधित क्षेत्र था । वहां जाने के लिये अनुमति से पहले विभिन्न स्तरों पर जांच होती थी।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की आज शाम प्रदेश कार्यालय बलबीर रोड में बुलाई गई पत्रकार वार्ता में स्थानीय भाजपा नेता व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य तथा पत्रकार लोकेंद्र सिंह बिष्ट ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिबंध के समय से ही क्षेत्रीय जनता इन प्रतिबंधों की वापसी की मांग कर रही थी। पहली बार उनके प्रयास से जिला प्रशासन ने पिछले साल 2016 में इसके समर्थन में रपट प्रदेश सरकार को भेजी और उसी साल पांच मई को उन्होने इस संबंध में राज्यपाल डाक्टर कृष्णकांत पॉल से भेंट की जिन्होने इस प्रस्ताव का परीक्षण कर सरकार को प्रस्ताव अनुमोदित कर केंद्र सरकार को भेजने को कहा । 25 मई को राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को रपट भेजी।

बिष्ट ने बताया कि इस संबंध में उन्होने 22 जून को केंद्रीय गृहराज्यमंत्री किरिण रिजजू से भेंट की जिनके विशेष प्रयास और रूचि लेने से एक साल में औपचारिकतायें पूरी की गई । अंततः 19 मई 2017 को इस बारे में आदेश जारी हो गया है। इससे पहले अजय भट्ट ने कांग्रेस पर रचनात्मक विपक्ष की भूमिका न निभाकर सरकार के खिलाफ 100 दिन में ही धरने प्रदर्शन की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस के लगाये जा रहे अनर्गल आरोपों का जवाब प्रदेशभर में दिया जायेगा ।

उन्होने आंकडे देते हुए कहा कि समान समयावधि में भाजपा सरकार ने तीन जिलों देहरादून,हरिद्वार व नैनीताल में 40 करोड 46 लाख रूपये बढाकर दिखा दिया है। उन्होने कहा कि अब कांग्रेस को जवाब देना चाहिये था कि यह अतिरिक्त राजस्व उनके समय में किस की जेब में जा रहा था। वार्ता में पाटी महासचिव नरेश बंसल, प्रवक्ता विनय गोयल तथा सहमीडिया प्रभारी सरदार बलजीत सिंह सोनी भी रहे।

राष्ट्रपति शासन के  दौरान का हिसाब तो भाजपा नेताओं को स्वंय देना चाहिए

प्रधानमंत्री मोदी जी ने 35 लीटर पेट्रोल पीने वाला सवार किसको बताया था भाजपा दे जवाब 

वहीँ दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के मुख्य प्रवक्ता सुरेन्द्र कुमार ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भटट् की प्रेस कान्फ्रेंस पर उल्टा उन्हे घेरा है। उन्होने कहा कि भाजपा अध्यक्ष ने जो आकंड़े खनन सम्बिधित दिए है वो तो राष्ट्रपति शासन भी उस दौरान रहा है तब का हिसाब तो भाजपा नेताओं को स्वंय देना चाहिए, तमाम खनन और शराब सिड़िकेंट से जुड़े भाजपा के तमाम लोग तो अब भाजपा में विराजमान है और उनकी पार्टी की शोभा बढ़ा रहे है, बेहतर हो की अपनी सरकार व पार्टी में जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों से वों हिसाब कर लें और बताए जनता को कि राष्ट्रपति शासन के दौरान क्या हुआ और यह भी बताए उनके पार्टी में विराजमान खनन् विशेषज्ञयों कितने खनन के पट्टे बाटें थे।

मुख्य प्रवक्ता ने उनसे सवाल किया क्या उनको याद है कि उनके सर्वोच्च नेता प्रधानमंत्री मोदी जी ने 35 लीटर पेट्रोल पीने वाला सवार किसको बताया था। उन्होने यह भी कहा कि डबल इंजन व ट्रीपल इंजन आने के बाद भी किसानों की आत्महत्या पर सरकार का रुख संवेदनाहीन हो गया है, किसानों की कर्ज माफी पर सरकार का रवईया चुनाव में मोदी जी द्वारा दिए भाषण के विपरीत है। 

वहीं उन्होनें राज्य के वित्त मंत्री को भी कठघरें में खड़ा किया है, उन्होने कहा कि विधानसभा में दिए गए बजट भाषण को पढ़ने का आग्रह उनसे किया है और यह भी कहा कि वित्त मंत्री महोदय अपने आंकड़ों को कभी भी स्वयं नही पढ़ते है इसलिए कई बार उनके आंकड़े गलत साबित हुए है। हरीश रावत के नेतृत्व वाली सरकार ने निश्चित रुप से राज्य के राजस्व में 17 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के र्कीतिमान स्थापित हुए है, और औद्योगिक विकास दर 16.5 प्रतिशत से ऊपर है, राज्य की वार्षिक विकास दर 11 प्रतिशत है व केन्द्र सरकार से मिलने वाली सहायता में भी 19.5 प्रतिशत की वृद्धि निश्चित रुप से होगी, कम से कम वित्तमंत्री प्रकाश पंत जी को पिछली सरकार को इसके लिए धन्यवाद अवश्य देना चाहिए। इतनी कंजूसी उचित नही है।

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