UTTARAKHAND

भारतरत्न डॉ भीमराव अंबेडकर ने दिया पिछड़े, दबे – कुचले समाज को स्वाभिमान से जीने का मंत्र : शिवप्रकाश

बाबा साहब राजनीतिक स्वतंत्रता के साथ-साथ सामाजिक स्वतंत्रता और समानता के भी थे पक्षधर

प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा किए गए सात आह्ववानों का गंभीरता से पालन हो सुनिश्चित

भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि अर्पित 

कोरोना महामारी के कारण लॉक डाउन को देखते हुए भाजपा द्वारा डॉ अंबेडकर की जयंती को सादगी पूर्वक मनाया गया। केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों के क्रम में पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा अपने – अपने घरों पर ही डॉ अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। पार्टी मुख्यालय पर भी सोशल डिस्टेसिंग के मद्देनजर प्रतीकात्मक आयोजन किया गया।

प्रदेश मुख्यालय पर प्रदेश महामंत्री ( संगठन) श्री अजेय व उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ( स्वंत्रत प्रभार ) डॉ धन सिंह रावत ने दीप प्रज्वलित किया और डॉ अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण किया। इस मौके पर प्रदेश मंत्री श्रीमती मधु भट्ट, प्रदेश कोषाध्यक्ष श्री पुनीत मित्तल, प्रदेश मीडिया प्रभारी अजेंद्र अजय, प्रदेश कार्यालय सचिव श्री कौस्तुभा नंद जोशी, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी श्री मनबीर चौहान, सोशल मीडिया सह प्रभारी श्री शेखर वर्मा, श्री राजीव तलवार आदि उपस्थित थे।

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : भाजपा के राष्ट्रीय सह – महामंत्री (संगठन) श्री शिवप्रकाश ने कहा कि भारतरत्न डॉ भीमराव अंबेडकर ने अपने जीवन काल में जो संदेश दिए हैं, उनका अनुकरण करके तमाम समस्याओं का समाधान प्राप्त हो सकता है।

सह महामंत्री (संगठन) श्री शिवप्रकाश ने बाबा साहब डॉ अंबेडकर की जयंती के अवसर पर आज पार्टी कार्यकर्ताओं को फेसबुक लाइव के जरिए संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह समय डॉ अंबेडकर के योगदान को स्मरण करने का है। बाबा साहब ने अपने जीवन के माध्यम से समाज को तमाम संदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि डॉ अंबेडकर के कालखंड में अस्पृश्यता और छुआछूत एक बहुत बड़ी समस्या के रूप में समाज के सम्मुख थी। उन्होंने अस्पृश्यता के दंश को समाप्त करने का बीड़ा उठाया। पिछड़े, दबे – कुचले समाज को स्वाभिमान से जीने का मंत्र दिया। डॉ अंबेडकर महिला समानता और उनको बराबरी देने के अधिकारों के प्रबल समर्थक थे। बाबा साहब का मानना था कि समाज की प्रगति मापनी है तो उस समाज में महिलाओं की स्थिति को देखकर आकलन किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि बाबा साहब राजनीतिक स्वतंत्रता के साथ-साथ सामाजिक स्वतंत्रता और समानता के भी पक्षधर थे। उनका मानना था कि सामाजिक स्वतंत्रता और समानता के बगैर राजनीतिक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है। डॉ अंबेडकर ने संविधान के माध्यम से स्वतंत्रता, समानता व बंधुत्व के तीन मंत्र हमें दिए हैं।

श्री शिवप्रकाश ने नक्सलवाद, माओवाद, जाति व अधिकारों के नाम पर होने वाली हिंसा की चर्चा की और कहा कि बाबा साहब अहिंसक आंदोलन के समर्थक थे। वे सभी समस्याओं का समाधान संविधान के दायरे में रहकर करने के पक्षधर थे। बाबा साहब ने जाति या वर्ग के आधार पर किसी प्रकार के भेदभाव को समाज के लिए अनुचित बताया। उनकी अपेक्षा थी कि समाज में सबको बराबरी का अधिकार हो। सबको समान अवसर मिलें। तभी समाज प्रगति की ओर अग्रसर होगा।

उन्होंने संविधान के निर्माण में डॉ. अंबेडकर के योगदान की विस्तार से चर्चा की और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के एक वक्तव्य का उल्लेख किया, जिसमें श्री मोदी ने कहा था कि आज एक सामान्य चाय बेचने वाला देश का प्रधानमंत्री बना है तो इसके पीछे डॉ अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान का योगदान है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्रित्व काल में सरकार ने डॉ अंबेडकर के सपनों के अनुरूप अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं को संचालित किया है। मोदी सरकार ने डॉ अंबेडकर के जीवन से जुड़े पांच प्रमुख स्थलों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया गया है।

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा किए गए सात आह्ववानों का गंभीरता से पालन सुनिश्चित करने को कहा । साथ ही लॉक डाउन की स्थिति में प्रधानमंत्री की अपेक्षा के अनुरूप अनुशासन व संयम को जरूरी बताया।

Related Articles

Back to top button
Translate »