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केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर संवारे जायेंगे बदरीनाथ और त्रियुगीनारायण मंदिर

देवदर्शनी और शेषनेत्र से होंगे बदरीनाथ मंदिर के सीधे दर्शन

वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में सांवरा जाएगा त्रियुगीनारायण मंदिर परिसर 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून। केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर राज्य सरकार की अब बदरीनाथ और त्रियुगीनारायण मंदिरों को सँवारने और पुनर्निर्माण की योजना है, सरकार की यह योजना यदि परवान चढ़ी तो बदरीनाथ मंदिर के अद्भुत दर्शन मंदिर के ठीक सामने शेषनेत्र झील के पास से होने शुरू हो जायेंगे और इतना ही जैसे ही श्रद्धालु बदरीनाथ के देवदर्शनी में प्रवेश करेंगे उन्हें मंदिर का अलौकिक दर्शन प्राप्त होना शुरू हो जायेगा। वहीं वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में उत्तराखंड के पार्टी देश -दुनिया के लोगों में बढ़ रही उत्सुकता और देवभूमि के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए राज्य सरकार की शिव पार्वती के पौराणिक विवाह स्थल के रूप में स्थापित प्राचीन मंदिर त्रियुगीनारायण को भी संवारे जाने की योजना है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि त्रियुगीनारायण के महत्व को देखते हुए सूबे के पर्यटन विभाग सहित मंदिर कमेंटी के पास इसे वेडिंग डेस्टिनेटशन के रूप में सँवारे जाने सहित आधारभूत आवश्यकताओं की जानकारियों मांगी जा रही है।  उनका कहना है कि औली को वेडिंग डेस्टिनेशन को लेकर सरकार का प्रयोग सफल रहा है और अब धार्मिक आस्थाओं से जुड़े देश-दुनिया के लोग भगवान् शिव और पार्वती के विवाहस्थल के रूप में स्थापित त्रियुगीनारायण के प्रति जिज्ञासा है और वे इस धार्मिक मान्यता के प्राचीन स्थल  को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में प्रयोग करना चाहते हैं लेकिन अभी यहाँ पर रहने खाने की समुचित व्यवस्था नहीं है।  सरकार यहाँ इन सुविधाओं का विकास कर इस स्थान को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में प्रचारित करेगी जिससे स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार तो मिलेगा ही वहीं इससे स्थानीय लोगों की आर्थिकी भी सुधरेगी।

सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने अनुसार उन्होंने बताया कि सरकार की योजना केदारनाथ के बाद अब बदरीनाथ को संवारने और वहां के पुनर्निर्माण की है इसके लिए केंद्र सरकार ने पौने 46 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की है जिसमें से 12 करोड़ रुपये सरकार ने कार्यदायी संस्था को दे  दिए जा चुके हैं इससे अब जल्द ही बदरीनाथ में आस्थापथ के निर्माण का कार्य शुरू किया जायेगा । उन्होंने बताया कि आस्थापथ के मार्ग में साकेत होटल तक की कुछ दुकानें और धर्मशालाएं आ रही हैं। इन्हे कहीं और पुनर्वासित किये जाने की सरकार की योजना है ताकि बदरीनाथ मंदिर को शेष नेत्र झील से सीधा देखा जा सके। इन्हें उचित मुआवजा और स्थल उपलब्ध कराने के लिए शासन से वार्ता की जा रही है।

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