- -एसडीएम के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग
- -समिति के सीईओ के साथ अभद्रता करने पर जताया रोष
- –एसडीएम ने कहा उन्होंने नहीं किया अभद्र भाषा का प्रयोग
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । करोड़ों हिन्दुओं के आस्था के केन्द्र भगवान बद्रीनाथ धाम में एसडीएम जोशीमठ और मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह बीच कहासुनी के चलते बद्रीनारायण भगवान को दो घंटे तक अपने भोग का इंतज़ार करना पड़ा। जिलाधिकारी चमोली के बीच बचाव के बाद जब मामला शांत हुआ तब कहीं जाकर बाबा बद्रीनारायण भोजन कर पाए। इतना ही नहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंदिर समिति के कर्मचारियों ने इस दौरान दो घंटे तक हज़ारों किलोमीटर का सफर तय कर बदरीनाथ पहुंचे देश-विदेश से आये श्रद्धालुओं को बद्रीनारायण के दर्शनों से भी वंचित कर डाला। इतना ही नहीं मंदिर समिति के कर्मचारियों ने इस दौरान एसडीएम के खिलाफ नारेबाज़ी करते हुए यात्रा तक रोक देने की धमकी दी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बृहस्पतिवार करीब साढ़े ग्यारह बजे मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह और एसडीएम जोशीमठ वैभव गुप्ता के बीच मंदिर समिति में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर मिल रही शिकायतों पर चर्चा हो ही रही थी कि मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह को एसडीएम का अंदिर के मामलों में हस्तक्षेप ठीक नहीं लगा और वे उखड़ गए। एसडीएम वैभव गुप्ता के अनुसार मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने यह कहते हुए चुप करने का प्रयास किया कि यह मामला एसडीएम जोशीमठ के कार्यक्षेत्र में नहीं आता है। मंदिर समिति के कर्मचारियों का कहना है कि मामले में एसडीएम जोशीमठ ने मंदिर समिति के सीईओ के साथ अभद्र शब्दों का प्रयोग किया, जिसको लेकर मंदिर समिति के कर्मचारी आक्रोशित हो गए। जबकि एसडीएम का कहना है कि उन्होंने किसी भी तरह के अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया है।
वहीं कर्मचारियों ने भी अपने मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह का पक्ष लेते हुए मंदिर में श्रदालुओं के दर्शन बंद करवाकर कर्मचारी परिसर में ही एसडीएम पर कार्यवाही की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए, जिससे मंदिर में भगवान बद्रीविशाल को दोपहर बारह बजे लगने वाला भोग भी दो घंटे देरी से लगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए बद्री केदार मंदिर समिति के अध्य्क्ष मोहन प्रसाद थपलियाल ने जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया को बद्रीनाथ धाम में हुए विवाद के बारे में जानकारी देते हुए जल्द विवाद को निपटाने को कहा। जिसके बाद जिलाधिकारी चमोली के हस्तक्षेप के बाद मामला निबटाया गया। समझौते के बाद मंदिर परिसर में धरने पर बैठे मंदिर समिति के कर्मचारियों के काम पर वापस आने के बाद फिर कहीं जाकर श्रद्धालुओं ने भगवान बद्रीनाथ के दर्शन किये।
वहीं श्री बद्री-केदार मंदिर समिति ऊखीमठ के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, कार्यालय अधीक्षक राजकुमार नौटियाल, युद्धवीर पुष्वाण, बचन सिंह रावत ने कहा कि मंदिर समिति के सीईओ के साथ अभद्रता करने वाले एसडीएम को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्षों से सीईओ भगवान बद्री विशाल की सेवा करते आ रहे हैं। ईमानदार एवं स्वच्छ छवि के लिए सीईओ जाने जाते हैं। उनके कहने पर ही देश-विदेशों से लाखों श्रद्धालु बद्री धाम की यात्रा पर आते हैं, यहां तक कि विदेशी मेहमान उनकी बहुत इज्जत करते हैं। उन्होंने कहा कि एसडीएम जोशीमठ द्वारा सीईओ के साथ अभद्रता करना, कर्मचारियों की भावनाओं को आहत करने जैसा है। एसडीएम के खिलाफ कठोर कार्यवाही होनी चाहिए, अन्यथा मंदिर समिति के कर्मचारी आंदोलन के लिए मजबूत हो जायेंगे। वहीं अभद्रता करने पर मंदिर समिति ऊखीमठ ने भी आक्रोश जताया है। उन्होंने कहा कि एसडीएम के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए, अन्यथा कर्मचारी आंदोलन के लिए मजबूर हो जायेंगे। वहीं मामले में जब मंदिर समिति के सीइओ बी.डी. सिंह का पक्ष जानने का प्रयास किया तो उनका फ़ोन रिसीव नहीं हुआ।
वहीं इस मामले के बढ़ने के बाद एक बात तो साफ़ हो गयी है कि मंदिर समिति के अधिकारी से लेकर कर्मचारियों तक ने देश विदेश से आये हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का ध्यान न रखते हुए एस डी एम और मुख्या कार्य अधिकारी के विवाद में पड़ जहाँ भगवान बद्रीविशाल को दो घंटे देर बाद भोग लगाया और मंदिर में कतार में लगे हजारों श्रद्धालुओं को दो घंटे तक बदरीनारायण के दर्शनों से भी वंचित रखा। इनके इस कृत्य को किसी भी लिहाज़ से उचित नहीं ठहराया जा सकता है। बल्कि यह घटना यह भी प्रदर्शित करने को काफी है कि मंदिर समिति के अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक का बाबा बद्रीविशाल में कितनी आस्था है और अब भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृति नहीं होनी चाहिए। अन्यथा दुनिया के करोडों श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।