- केदारनाथ पैदल मार्ग पर हिमस्खलन का है अभी खतरा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
रुद्रप्रयाग । केदारपुरी देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की आगवानी को तैयार है। जिला प्रशासन द्वारा पर्याप्त मात्रा में राशन केदारपुरी पहुंचा दिया गया है और यात्रियों के रहने की भी धाम में समुचित व्यवस्था भी हो चुकी है। बिजली, पेयजल व संचार सेवा बहाल करने के साथ ही पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चरों की आवाजाही भी सुचारु हो गई है। केदार धाम के कपाट नौ मई (कल गुरुवार) को खोले जाने हैं।
सदियों से चल रही परंपरा के अनुसार विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ के कपाट गुरूवार को वैदिक मंत्रोच्चारण व विधि विधान के साथ आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। कपाट खोलने को लेकर बद्री-केदार मंदिर ने भी लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली है। मंगलवार को भोले बाबा की उत्सव डोली ने गौरीकुंड में रात्रि विश्राम करने के बाद लगभग तीन बजे तक केदारनाथ पहुंची। अब छह माह तक यहीं पर सुबह व शाम की पूजा अर्चना संपन्न होगी।
गौरतलब हो कि बीते सोमवार को पंचगददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली केदारपुरी के लिए रवाना हुई थी। दो पड़ाव स्थलों में रात्रि विश्राम करने के बाद बुधवार (आज) उत्सव डोल केदारपुरी पहुंच गई है। लगभग तीन बजे डोली के केदापुरी पहुंचने पर यहां उपस्थित भक्तों ने डोली का फूल मालाओं एवं अक्षतों से जोरदार स्वागत किया।
नौ मई यानी गुरुवार सुबह 5 बजकर 35 मिनट पर बाबा केदारनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। कपाट खुलने के बाद ग्रीष्मकाल के छह माह तक यहीं पर भगवान की नित्य पूजाएं संपन्न होंगी। इससे पूर्व गत मंगलवार को भगवान केदार बाबा की उत्सव डोली ने फाटा से प्रस्थान अपने दूसरे पड़ाव स्थल गौरीकुंड में रात्रि विश्राम किया था।
बुधवार को सुबह सुबह आठ बजे मुख्य पुजारी ने भोले बाबा की विशेष पूजा अर्चना कर भोग लगाया। इस दौरान गौरी गांव एवं गौरीकुंड के स्थानीय भक्तों ने बाबा केदार के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। बाबा केदार की डोली अपने अंतिम पड़ाव स्थल के लिए रवाना होते समय भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का पूरा वातावरण शिवमय हो उठा।
डोली की अगुवाई 10 जम्मू व कश्मीर रेजीमेंट की बैंड धुनों ने किया। डोली के साथ मुख्य पुजारी केदारनाथ केदार लिंग, केदारनाथ नगर पंचायत स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवास पोस्ती, मंदिर समिति के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, डोली प्रभारी यद्धुवीर पुष्पवाण, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी समेत सैकड़ों भक्त बड़ी संख्या में मौजूद थे।
वहीं केदारनाथ में यात्रियों की व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारनाथ में 300 टेंट लगाए गए हैं, जिनमें तीन हजार यात्री ठहर सकते हैं। तीन हजार यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था पूर्व से ही उपलब्ध है। इनमें से दो हजार यात्री तीर्थपुरोहितों के पक्के भवनों और एक हजार गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के अतिथि गृह में ठहराए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि स्थानीय युवाओं को 250 टेंट लगाने की अनुमति दी गई है। प्रत्येक टेंट में दस यात्री ठहर सकते हैं। इसके अलावा जीएमवीएन भी टेंट लगा रहा है। डीएम ने बताया कि धाम के लिए घोड़ा-खच्चरों की आवाजाही नियमित हो रही है और सौ क्विंटल लकड़ी वहां पहुंचा दी गई है। इस बार ठंड अधिक होने के कारण दस स्थानों पर अलाव जलाए जाएंगे। बीएसएनएल व अन्य निजी कंपनियों ने भी अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं। साथ ही दवाइयों का भी पर्याप्त इंतजाम है।
वहीं गौरीकुंड – केदारनाथ पैदल मार्ग के चार स्थानों पर 20 फीट से अधिक बर्फ काटी गई है। इन स्थानों पर पहाड़ी से हिमस्खलन का खतरा बना हुआ है, लिहाजा यहां सुरक्षा की व्यवस्था भी चाक-चौबंद की गई है। भैरवनाथ मंदिर के रास्ते से भी बर्फ हटा दी गई है। बताया जा रहा है कि कपाट खुलने वाले दिन बड़ी संख्या में यात्रियों के केदारनाथ पहुंचने की संभावना है। इसलिए लिनचोली में भी यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था की गई है।
जिलाधिकारी ने बताया कि सिक्स सिग्मा हाई एल्टीट्यूट मेडिकल सर्विस की 15-सदस्यीय टीम को केदारनाथ के लिए रवाना किया। यह टीम वहां ढाई महीने सेवाएं देगी। सिक्स सिग्मा की तीन एंबुलेंस गौरीकुंड और सोनप्रयाग में उपलब्ध रहेंगी। सिक्स सिग्मा के डायरेक्टर डॉ. प्रदीप भारद्वाज ने बताया कि टीम में छह कार्डियोलॉजिस्ट हैं, क्योंकि यहां सबसे ज्यादा हार्ट संबंधी दिक्कतें आती हैं।
जिलाधिकारी के अनुसार गंभीर बीमार को तत्काल एम्म ऋषिकेश रेफर किया जाएगा, इसके लिए ऋषिकेश एम्स से एमओयू साइन हो गया है। इसके अलावा वेदांता अस्पताल नोएडा भी मरीजों को रेफर किया जाएगा।