बता दे की पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा के लिए संचालित आयुष्मान योजना के कार्ड पर निजी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा बंद कर दी गई। तो केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना के पैकेज से इसे बाहर कर दिया है। तो अब योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में ही गर्भवती महिलाओं को मुफ्त सिजेरियन की सुविधा मिलेगी।
तो वही केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना से सिजेरियन डिलीवरी को हटाने के बारे में राज्यों को दिशा-निर्देश दिए हैं। केंद्र के आदेश पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने भी सूचीबद्ध अस्पतालों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। तो जानकारों की मानें तो जननी सुरक्षा योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं का इलाज मुफ्त होता है। उन्हें आर्थिक सहायता के साथ आने-जाने की सुविधा भी मिलती है, इसी कारण आयुष्मान योजना के कार्ड पर निजी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा बंद कर दी गई है।
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बता दे की पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा के लिए संचालित आयुष्मान योजना के कार्ड पर निजी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा बंद कर दी गई। तो केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना के पैकेज से इसे बाहर कर दिया है। तो अब योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में ही गर्भवती महिलाओं को मुफ्त सिजेरियन की सुविधा मिलेगी।तो वही केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना से सिजेरियन डिलीवरी को हटाने के बारे में राज्यों को दिशा-निर्देश दिए हैं। केंद्र के आदेश पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने भी सूचीबद्ध अस्पतालों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। तो जानकारों की मानें तो जननी सुरक्षा योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं का इलाज मुफ्त होता है। उन्हें आर्थिक सहायता के साथ आने-जाने की सुविधा भी मिलती है, इसी कारण आयुष्मान योजना के कार्ड पर निजी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा बंद कर दी गई है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि प्राधिकरण ने कार्ड धारक गर्भवती महिलाओं को इलाज कराने में दिक्कतों लेकर प्रदेश सरकार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण को पत्र भेजा है। जब तक जवाब नहीं मिलता है तब तक सूचीबद्ध निजी अस्पतालों को इमरजेंसी में गर्भवती महिला को इलाज की सुविधा देने को कहा गया है।तो वही राज्य में गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव की दर में सुधार हुआ है। और वर्तमान में संस्थागत प्रसव की दर 89 प्रतिशत है। यानी 100 गर्भवती महिलाओं में 89 अस्पतालों में प्रसव के लिए आ रही हैं। सरकार का संस्थागत प्रसव दर को शत प्रतिशत करने फोकस है। लेकिन आयुष्मान कार्ड पर निजी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा खत्म करने से इसका असर देखने को मिल सकता है।