जीते जी तो भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर लगाम तो नहीं लगा पाए अब मरने के बाद चलेगा भ्रष्टाचारियों पर मुकदमा !
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड के अधिकारी जीते जी तो भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर लगाम तो नहीं लगा पाए लेकिन अब विभाग ऐसे अधिकारियों के खिलाफ उनके सेवानिवृत्त होने और स्वर्ग चले जाने के बाद करोड़ों रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में शासन से मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है। देश में शायद यह अपने तरह का मामला होगा जब एक तरफ एसआईटी जांच के लपेटे में समाज कल्याण विभाग के रिटायर अफसर भी आ रहे हैं। वहीं एसआईटी और समाज कल्याण विभाग ने शासन से दो और रिटायर्ड और मृतक अफसरों के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी है। अब आश्चर्य की बात तो यह है कि मृतकों से क्या समाजकल्याण विभाग के अधिकारियों को मिलेगा और क्या एसआईटी को यह क़ानूनी जानकारों के समझ से परे है।
गौरतलब हो कि अभी तक शासन जनजातीय कल्याण विभाग के उपनिदेशक व तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर, समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल, तत्कालीन सहायक समाज कल्याण अधिकारी सोम प्रकाश, मुनीश कुमार त्यागी व विनोद कुमार नैथानी के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दे चुका है। इनके अलावा विभाग के दो ऐसे अधिकारियों के नाम भी मामले में सामने आ रहे हैं जिनका निधन हो चुका है लेकिन विभाग ने इनके खिलाफ भी मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी और शासन ने अनुमति भी दे दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन दो अन्य लोगों के खिलाफ शासन से अनुमति मिली है वे दोनों स्वर्ग सिधार चुके हैं। इनमें एक तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी और दूसरा सहायक समाज कल्याण अधिकारी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, एसआईटी ने छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में जिला समाज कल्याण अधिकारी व सहायक समाज कल्याण अधिकारी के पदों से रिटायर्ड दो लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति के लिए सचिव समाज कल्याण को पत्र लिखा था।
इतना ही नहीं समाजकल्याण विभाग और एसआईटी के पत्र पर न्याय विभाग से भी राय मांगी है। और सूत्रों के मुताबिक, न्याय विभाग ने भी अपनी सहमति दे दी है। माना जा रहा है कि न्याय विभाग एक दो दिन में शासन को दोनों स्वर्ग सिधार चुके रिटायर्ड अफसरों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने जा रहा है।